लखनऊ: अगले वर्ष 2024 में देश इस समय तक लोकसभा चुनावों में चला गया होगा। उससे पहले राजनीतिक दलों ने अपनी बिसात बिछानी शुरू कर दी है। एक तरफ बीजेपी लगातार तीसरी बार सत्ता में आने का ख्वाब देख रही है तो वहीं विपक्ष बीजेपी को सत्ता से बेदखल करना चाहता है। इस समय देश में जो राजनीतिक हलचल चल रही है उससे प्रतीत होता है कि इस बार विपक्ष के कई दल एक साथ चुनाव लड़ेंगे। विपक्षी दलों को एकजुट करने की जिम्मेदारी इस बार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने कंधों पर ली है। इसी क्रम में वे आज उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से मिले। इस दौरान उनके साथ बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी साथ थे।
लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए हम नीतीश कुमार साथ - अखिलेश यादव
इस मुलाकात के दौरान कई विषयों को लेकर बातचीत हुई। बैठक के बाद समाजवादी कार्यालय में एक प्रेस कांफ्रेंस हुई और इसमें नीतीश कुमार और अखिलेश यादव समेत कई बड़े नेताओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए और भाजपा को हटाने में हम नीतीश कुमार साथ हैं। भाजपा हटे देश बचे उस अभियान में हम आपके (नीतीश कुमार) साथ हैं। वहीं विपक्षी एकता को लेकर नीतीश कुमार ने कहा कि अधिक से अधिक पार्टियों के साथ बात हो रही है। हमने तय किया है कि ज्यादा से ज्यादा पार्टियों को देश में हम एकजुट करें और मिलकर सब काम करें ताकि देश आगे बढ़े और भाजपा से देश को मुक्ति मिले। हम सब एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे।
Image Source : ptiबैठक के बाद नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस में हिस्सा लिया
विपक्षी नेता के चेहरे को लेकर किये गए एक सवाल के जवाब में नीतीश कुमार ने कहा कि अभी चुनावों में काफी समय है और सभी दलों के एकजुट हो जाने के बाद नेता चुन लिया जाएगा। इस दौरान उन्होंने साफ़ किया कि मेरी पीएम बनने की कोई तमन्ना नहीं है। नीतीश कुमार ने कहा कि मैं बस सबको एकजुट कर रहा हूं, अपने लिए मुझे कुछ नहीं चाहिए। मायावती से मिलने के सवाल पर वे बोले कि वह अभी तो अखिलेश यादव से मिलने आए हैं।
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