बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बयान इन दिनों चर्चा में बना हुआ है। बिहार विधानसभा में जातीय जनसंख्या आधारित रिपोर्ट प्रस्तुत करते समय नीतीश कुमार ने महिलाओं पर विवादित टिप्पणी कर दी। इस विवाद के बाद नीतीश कुमार को खूब आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच नीतीश कुमार ने मीडिया के सामने सभी से माफी मांगते हुए कहा है कि जिसे भी मेरी बातों से ठेस पहुंची है, उनसे मैं माफी मांगता हूं। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब महिलाओं को लेकर इस तरह का बयान दिया गया है।
मुलायम सिंह यादव
नीतीश के बाद इस लिस्ट में मुलायम सिंह का भी नाम आता है। समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेस के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने एक रेप केस के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए अपने बयान में कहा था, 'लड़कों से गलती हो जाती है और इसके लिए उन्हें मौत की सजा नहीं देना चाहिए'।
शीला दीक्षित का विवादित बयान
दिल्ली में जब निर्भया संग रेप की घटना घटी तो उस समय की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा था कि इस खबर को मीडिया ने बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया है। शीला दीक्षित का कहना था कि दिल्ली में महिलाओं को सुरक्षा देना दिल्ली सरकार का काम नहीं है। यह काम दिल्ली पुलिस का है जो केंद्र सरकार के अधीन आती है। शीला दीक्षित ने कहा कि रेप होते हैं, कई बार आप (मीडिया) उसे इग्नोर कर देती है। लेकिन दूसरे केस को आप राजनीतिक स्कैंडल बना देते हैं। इस कारण हमें भुगतना पड़ता है।
दिग्विजय सिंह की हुई आलोचना
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है। उन्होंने अपनी ही पार्टी की महिला सांसद मीनाक्षी नटराजन पर विवादित बयान दिया था। मध्य प्रदेश में एक रैली में उन्होंने मीनाक्षी नटराजन के लिए '100 टका टंच माल' जैसे शब्द का इस्तेमाल किया था।
ममता बनर्जी पर सीपीआईएम नेता ने दिया बयान
इस तरह की बयानबाजी हो और पश्चिम बंगाल से कुछ निकलकर न आए ऐसा नहीं हो सकता। साल 2012 में हो रही एक चुनावी रैली में CPIM नेता अनिसुर रहमान महिलाओं के खिलाफ अत्याचार पर बात कर रहे थे। अपने बयान में उन्होंने कहा, 'पीड़ित महिलाओं को शायद न्याय नहीं मिले, क्योंकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बलात्कार की कीमत तय की है। हम ममता दीदी से पूछना चाहते हैं उन्हें कितना मुआवजा चाहिए। बलात्कार के लिए कितना पैसा लेंगी?'
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