भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी (Nirav Modi) को भारत लाने के रास्ता साफ हो गया है। ब्रिटेन की हाईकोर्ट ने उसकी अर्जी खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने कहा कि नीरव मोदी का प्रत्यर्पण गलत नहीं होगा। बता दें कि विशेष पीएमएलए कोर्ट द्वारा दिसंबर 2019 में भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 के अनुसार नीरव मोदी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया था। इस वक्त वह लंदन की जेल में बंद है।
डिप्रेशन का शिकार है नीरव मोदी- वकील
भारत लंबे वक्त से नीरव मोदी का प्रत्यर्पण चाहता है लेकिन ब्रिटेन में शरण लिए बैठा नीरव मोदी उस एक्शन से बचने के लिए लगातार अलग-अलग तर्क दे रहा है। ब्रिटेन हाई कोर्ट में नीरव के वकील बता रहे हैं कि वो डिप्रेशन का शिकार है और भारत के जेल में जैसी स्थिति है, वहां पर वो सुसाइड भी कर सकता है। इसी तर्क के आधार पर अब तक उसके प्रत्यर्पण का विरोध किया जा रहा था। लेकिन ब्रिटेन की हाई कोर्ट ने पूरी सुनवाई के बाद नीरव मोदी की उस याचिका को खारिज कर दिया है।
14500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप
नीरव मोदी पर मेहुल चौकसी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक (PNB) से 14500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है। इसी साल फरवरी में नीरव मोदी को उस वक्त बड़ा झटका दिया था जब ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी। इसके बाद नीरव मोदी ने लंदन हाई कोर्ट में अपील दायर की थी।
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