1200 करोड़ की नई संसद की छत से पानी टपका? लोकसभा सचिवालय ने बताया असली कारण
इस नई संसद में कामकाज शुरू हुए एक साल भी नहीं हुआ लेकिन चंद घंटों की बारिश में यहां लीकेज और छत से पानी टपकने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे। विपक्ष ने भी इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा। अब लोकसभा सचिवालय ने इस घटना पर बयान जारी किया है।
नई दिल्ली: 1200 करोड़ की लागत से संसद की नई बिल्डिंग बनी। इस नई संसद में कामकाज शुरू हुए एक साल भी नहीं हुआ लेकिन चंद घंटों की बारिश में यहां लीकेज होने और छत से पानी टपकने की खबरें आने लगी। दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यस्था वाले देश को बाल्टी का सहारा लेना पड़ा। वहीं, इस घटना पर अब लोकसभा सचिवालय ने बयान जारी किया है। लोकसभा सचिवालय ने संसद भवन की छत टपकने की खबरों को निराधार बताते हुए कहा है कि कोई छत लीक नहीं हुई है, ना ही संसद भवन में कोई जलभराव हुआ है।
सवाल उठे तो लोकसभा सचिवालय ने दिया जवाब
लोकसभा सचिवालय ने बताया कि बुधवार को अत्यधिक बारिश के कारण, बिल्डिंग की लॉबी के ऊपर ग्लास डोमस को फिक्स करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एडहेसिव थोड़ा हट गया, जिससे लॉबी में पानी का मामूली रिसाव हो गया। हालांकि, समस्या का समय पर पता चल गया और तुरंत आवश्यक उपाय किए गए। इसके बाद पानी का कोई और रिसाव नहीं देखा गया। इसी तरह मकर द्वार के सामने जमा पानी भी तेजी से ड्रेनेज सिस्टम द्वारा निकल गया।
लोकसभा सचिवालय ने पूरे मामले को लेकर बयान जारी कर कहा, ''मीडिया रिपोर्टें प्रकाशित हुई हैं कि बुधवार को दिल्ली में भारी बारिश के कारण नए संसद भवन की लॉबी में पानी का रिसाव हुआ, जिससे भवन की सुदृढ़ता के विषय में संदेह उत्पन्न हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी देखा गया है कि परिसर के आसपास जलभराव देखा गया, खासकर नई संसद के मकर द्वार के पास, जलभराव के कई वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहे हैं।
क्यों हुआ पानी का रिसाव?
बयान में आगे कहा है, "ग्रीन पार्लियामेंट की संकल्पना के अनुसरण में लॉबी सहित भवन के कई हिस्सों में ग्लास डोमस लगाए गए हैं, ताकि संसद के दैनिक कामकाज में प्रचुर प्राकृतिक रोशनी का उपयोग किया जा सके। बुधवार को भारी बारिश के दौरान, बिल्डिंग की लॉबी के ऊपर ग्लास डोमस को फिक्स करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एडहेसिव थोड़ा हट गया, जिससे लॉबी में पानी का मामूली रिसाव हो गया। हालांकि, समस्या का समय पर पता चल गया और तुरंत आवश्यक उपाय किए गए। इसके बाद पानी का कोई और रिसाव नहीं देखा गया। इसी तरह मकर द्वार के सामने जमा पानी भी तेजी से ड्रेनेज सिस्टम के द्वारा निकल गया।"
'संसद में पानी टपकने का कार्यक्रम चल रहा'
इससे पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इसे लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस नई संसद से अच्छी तो वो पुरानी संसद थी, जहां पुराने सांसद भी आकर मिल सकते थे। क्यों न फिर से पुरानी संसद चलें, कम से कम तब तक के लिए, जब तक अरबों रुपयों से बनी संसद में पानी टपकने का कार्यक्रम चल रहा है।
कांग्रेस ने भी उठाया सवाल
दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी ने भी नई संसद भवन में बारिश के कारण छत से पानी टपकने की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा है कि वह संसद भवन में जल भराव एवं छत से पानी टपकने का मुद्दा राज्यसभा में उठाएंगे।
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