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Hindi News भारत राष्ट्रीय New Parliament building: संसद के नए भवन का मुख्य ढांचा तैयार, फिनिशिंग का काम जारी

New Parliament building: संसद के नए भवन का मुख्य ढांचा तैयार, फिनिशिंग का काम जारी

New Parliament building: सरकार का कहना है कि संसद का शीतकालीन सत्र नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत बन रहे नए भवन में होगा।

A model of the proposed new Parliament building- India TV Hindi Image Source : PTI A model of the proposed new Parliament building

Highlights

  • संसद के नए भवन का मुख्य ढांचा तैयार
  • फिनिशिंग का काम जारी
  • नए भवन में होगा शीतकालीन सत्र: सरकार

New Parliament building: संसद के नए भवन का मुख्य ढांचा तैयार हो चुका है और अब आंतरिक स्तर पर काम (फिनिशिंग) को पूरा किया जा रहा है। टाटा प्रोजेक्ट्स के सीईओ और प्रबंध निदेशक विनायक पई ने रविवार को यह जानकारी दी। टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड नए संसद भवन का निर्माण कर रही है जिसमें भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य संविधान हॉल, सांसदों लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थल बनाया जा रहा है। पई ने पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार में कहा, ‘‘मुख्य ढांचा (नए संसद भवन का) पूरा हो चुका है। हम अब उस चरण में हैं जहां हम आंतरिक साजसज्जा या फिनिशिंग को पूरा कर रहे हैं। यह अपनी तरह का एक खास भवन है। इसलिए वास्तुविदों द्वारा फिनिशिंग के काम को काफी सोच-विचार के बाद पूरा किया जा रहा है। 

नए भवन में होगा शीतकालीन सत्र

सरकार का कहना है कि संसद का शीतकालीन सत्र नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत बन रहे नए भवन में होगा। टाटा प्रोजेक्ट्स उच्च मुद्रास्फीति दबाव की चुनौती का सामना कैसे कर रही है, इस सवाल पर पई ने कहा कि निश्चित रूप से ऐसी चुनौतियां हैं जिनका अधिकांश उद्योग सामना कर रहे हैं, क्योंकि वे काफी हद तक जिंसों पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा, ‘‘एक चीज जिस पर हमें लगातार ध्यान देना है वह है स्मार्ट खरीद। इसलिए हमारे द्वारा की जाने वाली थोक सामग्री की बहुत सारी खरीद के लिए हमारे पास दीर्घकालक अनुबंध है।’’ 

उन्होंने कहा कि एक अन्य बात यह है कि हमारे काफी ऐसे अनुबंध अब परिपक्व हो गए हैं जिनमें मूल्य में उतार-चढ़ाव का प्रावधान है। उन्होंने कहा, ‘‘इससे हमें संरक्षण मिला है। हालांकि, इससे जिंस कीमतों में वृद्धि का पूरा बोझ कम नहीं हुआ है, लेकिन हमें काफी समर्थन मिला है।’’ पई ने कहा कि भारत में बुनियादी ढांचा क्षेत्र में काफी अवसर हैं, विशेषरूप से नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में। ‘‘बुनियादी ढांचे के अलावा सतत और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में हमें काफी अवसर दिख रहे हैं।’’ 

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