नई दिल्ली: नए संसद भवन का उद्घाटन समारोह शुरू हो चुका है। पीएम मोदी ने हवन-पूजन के साथ इस कार्यक्रम की शुरुआत की। इस दौरान उनके साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला मौजूद रहे। उद्घाटन समारोह की शुरुआत के दौरान जो बात सबसे ज्यादा चर्चा में रही, वो है पीएम मोदी का सेंगोल के सामने दंडवत होना।
दरअसल सेंगोल को आज लोकसभा में स्पीकर के आसन के पास स्थापित कर दिया गया है। पीएम मोदी ने स्पीकर ओम बिरला की मौजूदगी में सेंगोल को नए संसद भवन में स्थापित किया। लेकिन इससे पहले पीएम मोदी ने सेंगोल को जमीन पर दंडवत होकर प्रणाम किया। किसी भी पीएम द्वारा दंडवत होकर प्रणाम करना एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
क्या होता है सेंगोल?
सेंगोल संस्कृत शब्द "संकु" से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है "शंख"। हिंदू धर्म में शंख को काफी पवित्र माना जाता है। यह चोला साम्राज्य से जुड़ा हुआ है। पुरातन काल में सेंगोल को सम्राटों की शक्ति और अधिकार का प्रतीक माना जाता था। इसे राजदंड भी कहा जाता था। 1947 में जब भारत आजाद हुआ तो इस सेंगोल को अंग्रेजों से सत्ता मिलने का प्रतीक माना गया। 14 अगस्त 1947 की रात को पंडित नेहरू ने इसे स्वीकार किया था। यह प्रयागराज के संग्रहालय में रखा हुआ था। अब इसे नए संसद भवन में लोकसभा स्पीकर के आसन के पास स्थापित किया गया है।
देश की आजादी से जुड़ा है सेंगोल
दरअसल जब लॉर्ड माउंट बैटेन ने पंडित नेहरू से सत्ता के हस्तांतरण की प्रक्रिया के बारे में पूछा था तो राजगोपालचारी ने सेंगोल की परंपरा के बारे में बताया था। इस तरह से सेंगोल की प्रक्रिया तय हुई थी। इसके बाद तमिलनाडु से पवित्र सेंगोल लाया गया था और पंडित नेहरू को मध्य रात्रि में दिया गया। जिसके बाद ये माना गया कि अंग्रेजों ने नेहरू को सत्ता सौंप दी है।
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