EXCLUSIVE: BBC की नई डॉक्यूमेंट्री से पीएम मोदी की इमेज पर कोई असर नहीं पड़नेवाला-जफर सरेशवाला
यह सच है कि दंगे हुए थे लेकिन उसके लिए पूरी तरह से ज़िम्मेदार मोदी जी को बताना ठीक नही। सरेशवाला ने कहा कि 2003 में मैं कुछ लोगों के साथ ब्रिटेन में लॉर्ड आदम से मिला था और उन्होंने ही मुझे तत्कालीन ब्रिटिश विदेश मंत्री जैक स्ट्रॉ और पीएम टोनी ब्लेयर से मुलाकात कराई थी।
नयी दिल्ली: बिजनेसमैन और मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के पूर्व चांसलर जफर सरेशवाला ने इंडिया टीवी को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा कि बीबीसी की नई डॉक्यूमेंट्री से पीएम मोदी की इमेज पर कोई असर नहीं पड़नेवाला है। न ही इससे उनके विरोधियों को इसका कोई फायदा होनेवाला है। कुछ दिन शोर मचेगा और फिर सब शान्त हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि बीबीसी ने जिन दस्तावेजों के आधार पर नएं डॉक्यूमेंट्री सीरीज़ बनाने का दावा किया उस 2000 पेज की रिपोर्ट को मैंने पढ़ा है उसमें कुछ नया नहीं है। इस डॉक्यूमेंट्री की टाइमिंग पर सबसे बड़ा सवाल खड़ा होता है। बीबीसी ने यह डॉक्यूमेंट्री 2002-03 में क्यों नही बनाई ? यह सवाल खड़ा होता है।
दंगों के लिए मोदी जी को पूरी तरह जिम्मेदार बताना ठीक नहीं
जफर सरेशवाला ने बताया कि बीबीसी ने मेरा और परिवार का बयान लिया था। यह सच है कि उन्होंने तब 2002 के दंगों के पीड़ितों से बात की थी। लेकिन उन्होंने दंगो के लिए मुख्य ज़िम्मेदार लोगो के बारे में कुछ नही दिखाया। यह सच है कि दंगे हुए थे लेकिन उसके लिए पूरी तरह से ज़िम्मेदार मोदी जी को बताना ठीक नही। सरेशवाला ने कहा कि 2003 में मैं कुछ लोगों के साथ ब्रिटेन में लॉर्ड आदम से मिला था और उन्होंने ही मुझे तत्कालीन ब्रिटिश विदेश मंत्री जैक स्ट्रॉ और पीएम टोनी ब्लेयर से मुलाकात कराई थी। सरेशवाला ने कहा कि जिस पाकिस्तानी ब्रिटिश सांसद ने बीबीसी डाक्यूमेंट्री को लेकर ब्रिटिश पीएम सुनक से सवाल किया उसी सांसद के बारे में ब्रिटेन में रह रहे मेरे कई पाकिस्तानी साथियों ने बोला कि हमारा यह सांसद हमारी मांगों या दिक्कतों को पार्लियामेंट में नहीं उठाता। उसे तो सिर्फ मोदी की ही पड़ी रहती है। सिर्फ उसके बारे में बात करता है।
2002 के दंगों में मेरा घर जला, मेरी फैक्ट्री जली
जफर सरेशवाला ने बताया कि 2002 के दंगों में मेरा घर और फैक्ट्री भी जली थी। उन दंगों के खिलाफ मैंने खुद हर मोर्चे पर तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ आवाज़ उठाई। हर मंच पर उनकी आलोचना की। मेरा यह मानना था कि जब दंगे हुए वो सीएम थे। मैंने यह कभी नहीं कहा कि मोदी जी ने दंगे कराए लेकिन प्रवीण तोगड़िया से लेकर जो भी उस दंगे में शामिल थे उन्हें सजा मिले। इसके लिए मैं अक्सर ब्रिटेन जाता था।
लॉर्ड आदम पटेल ने मोदी के खिलाफ सबसे ज्यादा आवाज उठाई
जफर सरेश वाला ने कहा-' 2002 के दंगों के बाद ब्रिटेन में blackburn इलाके से लॉर्ड आदम पटेल आते थे जिन्होंने मोदी जी के खिलाफ सबसे ज़्यादा आवाज़ उठाई। क्योंकि आदम पटेल खुद गुजरात के भरूच से आते थे और कई दशकों पहले ब्रिटेन चले गए थे। उनकी मदद से मैं कई बार ब्रिटेन के बड़े नेताओं और सांसदों से मिला।
नरेंद्र मोदी से मेरी मुलाकात पर नाराज़ हुए थे आदम पटेल
जफर सरेशवाला ने कहा-' 2003 में कुछ काम के सिलसिले में तत्कालीन सीएम मोदी से मिलना था क्योंकि उस दौरान लॉर्ड आदम पटेल और उनके साथ जुड़े लोग सिर्फ मोदी जी को ही दंगों के लिए ज़िम्मेदार बताने लगे तो मैं इन सबसे दूर हो गया था। 2003 में महेश भट्ट के ज़रिए मैं मोदी जी से मिला और वो मुलाकात कई घंटों तक चली। उस दौरान हमने सारे सवाल उनसे किएऔर मोदी जी ने जवाब दिया। मेरी इस मुलाकात से लॉर्ड आदम पटेल बहुत नाराज हुए। उन्होंने मुझे बिका हुआ कहा।'
2013 में मैंने लॉर्ड आदम को मोदी जी से मिलवाया
सरेशवाला ने कहा-'2003 के मुलाकात में मोदी जी ने मुझे और मेरे साथ के लोगों को कहा कि सीएम के नाते आप मुझसे अपना काम तो करवाइए। वोट भले मत दीजिए। इसके बाद कई बार मैं लॉर्ड आदम से मिलता रहा। 2011 में मैंने उनसे कहा कि आपको मोदी जी से मिलना चाहिए। वो राजी हो गए। बाद में 2013 में मैंने लॉर्ड आदम को मोदी जी से मिलवाया और यह मीटिंग काफी देर चली। इस मीटिंग के बाद लॉर्ड आदम पटेल ने मोदी जी को उनके ब्रिटिश संसदीय क्षेत्र blackburn आने का न्योता दिया। बाद में धीरे-धीरे चीज़े सुधरती गईं। जो अमेरिका या ब्रिटेन मोदी को वीजा नही दे रहा था वो अब उनके लिए रेड कार्पेट बिछा रहे हैं।
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