Netaji Subhas Chandra Bose Statue: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नई दिल्ली के इंडिया गेट के पास स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया। बोस की प्रतिमा उसी स्थान पर स्थापित की गई है, जहां इस साल की शुरुआत में पराक्रम दिवस (23 जनवरी) के अवसर पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया गया था। इस होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण नेताजी की 125वीं जयंती के अवसर पर किया गया था। बता दें कि यह पहली परियोजना है, जो मोदी सरकार की 13,450 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना के तहत पूरी हुई है।
आजाद हिंद फौज के गीत पर हुआ अनावरण
बोस की प्रतिमा का अनावरण आजाद हिंद फौज के पारंपरिक गीत ‘‘कदम, कदम बढ़ाए जा’’ की धुन के साथ किया गया। प्रधानमंत्री ने इस परियोजना से जुड़े कुछ विभिन्न पहलुओं का अवलोकन भी किया। प्रतिमा का अनावरण करने के बाद प्रधानमंत्री ने नेताजी को पुष्पांजलि भी अर्पित की। अधिकारियों के मुताबिक प्रधानमंत्री ने सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के पुनर्विकास कार्य में शामिल मजदूरों से संवाद भी किया और उनसे कहा कि उन्हें गणतंत्र दिवस परेड में आमंत्रित किया जाएगा।
क्यों अद्भुत और नायाब है नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा
- करीब 26,000 घंटे के अथक कलात्मक प्रयासों से अखंड ग्रेनाइट को तराश कर 65 मीट्रिक टन वजन की इस प्रतिमा को तैयार किया गया है।
- काले रंग के ग्रेनाइट पत्थर से निर्मित 28 फुट ऊंची यह प्रतिमा इंडिया गेट के समीप एक छतरी के नीचे स्थापित की गई है।
- नेताजी की इस प्रतिमा को पारंपरिक तकनीकों और आधुनिक औजारों का उपयोग कर पूरी तरह हाथों से बनाया गया है।
- अरुण योगीराज के नेतृत्व में मूर्तिकारों के एक दल ने यह प्रतिमा तैयार की है।
- यह प्रतिमा भारत की सबसे बड़ी, सजीव, अखंड पत्थर पर हाथ से बनी प्रतिमाओं में से एक है।
- ग्रेनाइट के इस अखंड पत्थर को तेलंगाना के खम्मम से 1665 किलोमीटर दूर नयी दिल्ली तक लाया गया।
- तेलंगाना से दिल्ली तक अखंड पत्थर लाने के लिए 100 फुट लंबा 140 पहियों वाला एक ट्रक विशेष तौर पर तैयार किया गया था।
पहले लगी थी नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा
बता दें कि बोस की प्रतिमा उसी स्थान पर स्थापित की गई है, जहां इस साल की शुरुआत में पराक्रम दिवस (23 जनवरी) के अवसर पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया गया था। इस होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण नेताजी की 125वीं जयंती के अवसर पर किया गया था। राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट के बीच के मार्ग ‘‘कर्तव्य पथ’’ को मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के अंतर्गत पुनर्निमित किया गया है।
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