A
Hindi News भारत राष्ट्रीय NDLS Stampede: 'जो गिर गए, वे कुचले गए' भगदड़ से पहले, भगदड़ के बाद का देखें भयावह VIDEO

NDLS Stampede: 'जो गिर गए, वे कुचले गए' भगदड़ से पहले, भगदड़ के बाद का देखें भयावह VIDEO

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ का मंजर काफी भयावह था। भीड़ बेकाबू हो गई जिसमें 18 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। भगदड़ के पहले और भगदड़ के बाद कैसा मंजर था, देखें वीडियो...

भगदड़ से पहले और भगदड़ के बाद की तस्वीर- India TV Hindi भगदड़ से पहले और भगदड़ के बाद की तस्वीर

नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार की रात मची भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई। भगदड़ की इस भयावह घटना के बाद स्टेशन पर यात्रियों का सामान यहां-वहां बिखरा पड़ा था और मदद के लिए लोग चिल्ला रहे थे। प्रत्यक्षदर्शी दुकानदार रवि कुमार नाम ने बताया कि जैसे ही प्लेटफॉर्म संबंधी घोषणा हुई, लोग एक-दूसरे को धक्का देकर आगे बढ़ने लगे और जो लोग गिर गए, वे भीड़ में कुचले गए।  मैंने स्टेशन पर पहले कभी इतनी भीड़ नहीं देखी।

भीड़ हो गई बेकाबू, हुआ दर्दनाक हादसा

 उत्तर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु उपाध्याय ने बताया कि पटना जाने वाली मगध एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म संख्या 14 पर खड़ी थी और नयी दिल्ली-जम्मू उत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म संख्या 15 पर खड़ी थी। अप्रत्याशित संख्या में यात्री प्रयागराज जाने वाली ट्रेन में सवार होने के लिए खड़े थे। कुछ लोग ‘फुटओवर ब्रिज’ से प्लेटफॉर्म संख्या 14 और 15 की ओर सीढ़ियों से उतर रहे थे, तभी वे फिसलकर एक दूसरे पर गिर गए और हादसा हुआ। प्लेटफॉर्म संख्या 12, 14 और 15 पर भीड़ बहुत अधिक थी। प्रयागराज जाने वाली सभी ट्रेन में क्षमता से अधिक लोग थे।

लोगों ने बताया-कैसा था भयावह मंजर

एक यात्री ने बताया ‘‘ट्रेन के अंदर भी खड़े होने की जगह नहीं थी। मैं बाहर निकल गया और मैंने वापस जाने का फैसला किया। एक अन्य यात्री ने कहा, ‘‘मैं प्रयागराज जा रहा था लेकिन कई ट्रेन देरी से चल रही थीं या रद्द कर दी गई थीं। स्टेशन पर बहुत भीड़ थी। मैंने इस स्टेशन पर पहली बार इतनी भीड़ देखी। मेरे सामने ही छह-सात महिलाओं को ‘स्ट्रेचर’ पर ले जाया गया।’’

भगदड़ से पहले और भगदड़ के बाद का देखें वीडियो

स्टेशन पर कुली के रूप में काम करने वाले कृष्ण कुमार जोगी ने बताया, ‘‘ पुल (फुटओवर ब्रिज) पर भारी भीड़ जमा हो गई। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि कई लोगों का दम घुटने लगा। करीब 10 से 15 लोगों की जान वहीं चली गई। मैंने पूरी घटना अपनी आंखों से देखी। हमने प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 15 से शवों को एंबुलेंस तक पहुंचाया।
 
एक अन्य कुली बलराम ने घटना के संबंध में कहा, ‘‘हमने शवों को उन्हीं हाथगाड़ियों पर ढोया जिनका उपयोग हम सामान उठाने के लिए करते हैं। मैं 15 साल से कुली हूं, लेकिन इतनी भारी भीड़ मैंने पहले कभी नहीं देखी। लोगों की चप्पलें, जूते और अन्य सामान बिखरे हुए थे। हमने कई बच्चों और बुजुर्गों को भीड़ से बाहर निकाला।"

(इनपुट-भाषा)

Latest India News