नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने बताया कि अग्निपथ योजना के तहत नौसेना में 3000 लोगों का पहला बैच तैयार है। जिसमें 341 महिला नाविक हैं। नाव पर पहली बार महिला नाविक होंगी और फिर अगले साल से महिला अधिकारियों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी शाखाएं सभी के लिए खुली रहेंगी। उन्होंने बताया कि "अग्निवीरों के पहले बैच की रिपोर्ट आ चुकी है, लगभग 3000 अग्निवीर शामिल हो चुके हैं, जिनमें से लगभग 341 महिलाएं हैं। अगले साल हम महिला अधिकारियों को सभी शाखाओं में शामिल करने पर विचार कर रहे हैं, न कि केवल 7-8 शाखाओं में, जो आज तक सीमित हैं।"
इससे पहले नौसेना प्रमुख ने कहा था कि ‘अग्निपथ’ एक शानदार योजना है, जिसे इस ‘‘व्यापक विचार-विमर्श’’ और ‘‘व्यापक अध्ययन’’ के बाद पेश किया गया है कि अन्य सैन्य बलों ने अपने मानव संसाधन को किस तरह व्यवस्थित किया है। उन्होंने यहां ‘भारत की नौसेना क्रांति : उभरती समुद्रीय शक्ति’ विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करने से इतर यह बात कही। नौसेना प्रमुख ने कहा कि यह विचार 2020 के मध्य के आसपास सामने आया और ‘‘इसे अमल में लाने में लगभग दो साल लग गए।’’
उम्र सीमा को नीचे लाने की जरूरत
संवाद के दौरान मंच संचालक ने ‘अग्निपथ’ योजना से जुड़ा सवाल किया था, जिसके जवाब में एडमिरल कुमार ने कहा, ‘‘यह एक शानदार योजना है और मुझे लगता है कि इसकी लंबे समय से प्रतीक्षा हो रही थी और इसे कई साल पहले हो जाना चाहिए था।’’ उन्होंने कहा कि कारगिल समीक्षा समिति की रिपोर्ट में एक सिफारिश है कि सशस्त्र बलों में उम्र सीमा को नीचे लाने की आवश्यकता है। नौसेना प्रमुख ने कहा कि उस समय औसत उम्र 32 वर्ष थी और सिफारिश में कहा गया कि इसे कम करके लगभग 25-26 वर्ष तक लाया जाना चाहिए।
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