National Herald Case: क्या जेल जा सकते हैं राहुल? गांधी परिवार से क्या है नेशनल हेराल्ड का नाता, जानें सब कुछ
National Herald Case: राहुल गांधी और सोनिया गांधी को हेराल्ड मामले में जो जमानत मिली थी वो बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी के शिकायत के मामले में मिली थी। दोनों को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दर्ज केस में राहत नहीं मिली है।
Highlights
- नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी से ED की पूछताछ जारी
- सोनिया गांधी अभी कोरोना संक्रमित हैं, उन्हें 23 जून को पेश होना है
- नेशनल हेराल्ड केस में राहुल और सोनिया गांधी दोनों जमानत पर बाहर हैं
National Herald Case: नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से ED की पूछताछ को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। ये जानकारी सामने आ रही है कि आज भी उनसे डॉटेक्स कंपनी को लेकर सवाल किए गए हैं। ED की टीम ने राहुल गांधी को डॉटेक्स कंपनी के मालिक उदय महावर के बयानों को दिखाया, जिसमें उन्होंने कबूल किया था कि उनकी कंपनी महज जमा खर्च की कंपनी है। सवाल ये है कि ऐसी कंपनी ने यंग इंडिया को एक करोड़ रुपये का लोन कहां से दे दिया। इस एक करोड़ रुपये के लोन में से 50 लाख रुपये कांग्रेस को दिए गए थे।
इसके अलावा ये भी बात सामने आ रही है कि राहुल और सोनिया गांधी को हेराल्ड मामले में जो जमानत मिली थी वो बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी के शिकायत के मामले में मिली थी। दोनों को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दर्ज केस में राहत नहीं मिली है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को 23 जून को पेश होना है। सोनिया अभी कोरोना संक्रमित हैं और अस्पताल में भर्ती हैं।
क्या है नेशनल हेराल्ड केस?
नेशनल हेराल्ड (National Herald) एक न्यूज पेपर है, जिसे साल 1938 में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने शुरू किया था। इस न्यूज पेपर को चलाने का जिम्मा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) नाम की कंपनी के पास था। शुरुआत से इस कंपनी में कांग्रेस और गांधी परिवार के लोग हावी रहे। करीब 70 साल बाद 2008 में घाटे की वजह से इस न्यूज पेपर को बंद करना पड़ा तब कांग्रेस ने AJL को पार्टी फंड से बिना ब्याज का 90 करोड़ रुपये का लोन दिया। फिर सोनिया और राहुल गांधी ने 'यंग इंडियन' नाम से नई कंपनी बनाई। यंग इंडियन को एसोसिएटेड जर्नल्स को दिए लोन के बदले में कंपनी की 99 फीसदी हिस्सेदारी मिल गई। यंग इंडियन कंपनी में सोनिया और राहुल गांधी की 38-38 फीसदी की हिस्सेदारी है वहीं बाकी का शेयर मोतीलाल बोरा और आस्कर फर्नांडिस के पास था।
जानें क्यों शुरू हुई ED की जांच
जिस नेशनल हेराल्ड केस की वजह से राहुल गांधी का ED के सवालों से सामना हुआ, उसकी शुरुआत 10 साल पहले 2012 में हुई थी जब सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में केस दर्ज कराया था। स्वामी ने आरोप लगाया था कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड ने 90.25 करोड़ रुपये की वसूली के अधिकार हासिल करने के लिए सिर्फ 50 लाख रुपये का भुगतान किया था, जो एजेएल पर कांग्रेस का बकाया था।
इन 10 प्वाइंट से समझिए नेशनल हेराल्ड केस
- सोनिया-राहुल पर एसोसिएट जर्नल की संपत्ति हड़पने का आरोप
- नेशनल हेराल्ड अख़बार की होल्डिंग कंपनी है AJL
- 1937 में पंडित नेहरू और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने की शुरुआत।
- घाटे में चल रही थी एसोसिएट जर्नल (AJL), कंपनी ने अख़बार का प्रकाशन भी बंद कर दिया था।
- एसोसिएट जर्नल ने कांग्रेस से 90 करोड़ क़र्ज़ लिया था।
- 2010 में राहुल सोनिया ने बनाई यंग इंडियन कंपनी, यंग इंडियन में 76% हिस्सेदारी राहुल सोनिया की है।
- 24% शेयर मोतीलाल बोरा, ऑस्कर फर्नांडिस के पास। यंग इंडियन ने 50 लाख देकर AJL के सारे शेयर हासिल किए।
- यंग इंडियन एक 'नॉट फॉर प्रॉफिट कंपनी' है, इसके मालिक कोई वेतन या भत्ता नहीं लेते हैं।
- AJL की हज़ारों करोड़ की संपत्ति पर क़ब्ज़े का आरोप।
- 2012 में सुब्रमण्यम स्वामी ने दर्ज कराया था केस, इस मामले की जांच कई एजेंसियां कर रही हैं
नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस की सफाई
इस मामले में कांग्रेस अपनी सफाई में कह रही है कि नेशनल हेराल्ड को राहुल गांधी और सोनिया गांधी की कंपनी यंग इंडियन ने सिर्फ इसलिए अपने नियंत्रण में लिया, ताकि कर्मचारियों को तनख़्वाह दी जा सके। रणदीप सुरजेवाला दावा करते हैं कि इस डील से राहुल और सोनिया ने एक पाई की भी कमाई नहीं की।
नेशनल हेराल्ड केस: कांग्रेस के तर्क
1. जांच 7-8 साल से जारी, एजेंसी को कुछ नहीं मिला
2. कंपनी मज़बूत करने के लिए शेयर में बदला गया
3. लोन ख़त्म करने के लिए हिस्सेदारी शेयर में बदली
4. इक्विटी बेचने से मिला पैसा मज़दूरों को दिया
5. पैसों का पूरा लेन-देन पारदर्शी तरीक़े से किया
6. मुद्दों से ध्यान बंटाने के लिए भेजा गया समन
7. ED,CBI और इन्कम टैक्स से विपक्ष को डराने की कोशिश
राहुल गांधी से पूछताछ जारी
नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी से पिछले चार घंटे से पूछताछ जारी है। कल तीन घंटे के बाद राहुल को लंच के लिए जाने की छूट मिल गई थी। ED के असिस्टेंट डायरेक्टर के नेतृत्व में चार सदस्यों की टीम राहुल से सवाल जवाब कर रही है इसी टीम ने राहुल से कल दस घंटे तक सवाल जवाब किया था। राहुल कल सवालों का सही तरीके से जवाब नहीं दे पाए थे इसलिए उन्हें दस्तावेजों के साथ आने को कहा था। कल की तरह राहुल ED दफ्तर जाने से पहले आज पहले कांग्रेस दफ्तर पहुंचे जहां पार्टी के बड़े बड़े नेता उनका इंतजार कर रहे थे। यहां उन्होंने पार्टी नेताओं से मुलाकात की इसके बाद राहुल ED दफ्तर रवाना हो गए। वो करीब 11 बज कर दस मिनट पर ED दफ्तर पहुंच गए थे लेकिन तमाम औपचारिकताएं पूरी करने के बाद सुबह करीब साढ़े 11 बजे से उनसे पूछताछ शुरू हुई।
गिरफ्तार हो सकते हैं राहुल गांधी?
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता चंद्र प्रकाश पांडेय ने कहा, ''नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों जमानत पर बाहर हैं। ऐसे में पूछताछ के दौरान अगर ED को लगता है कि राहुल जांच में सहयोग नहीं दे रहे हैं तो वह उन्हें हिरासत में ले सकती है। इसके बाद राहुल को कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां से तय होगा कि उन्हें ईडी की कस्टडी में भेजना है या न्यायिक हिरासत में।''