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Hindi News भारत राष्ट्रीय National Family Health Survey: देश में आबादी बढ़ने की रफ्तार में कमी, लेकिन यूपी-बिहार अभी भी आगे, पढ़िए क्या कहती है रिपोर्ट?

National Family Health Survey: देश में आबादी बढ़ने की रफ्तार में कमी, लेकिन यूपी-बिहार अभी भी आगे, पढ़िए क्या कहती है रिपोर्ट?

भारत में संतान उत्पत्ति की दर 2.2 से घटकर 2.0 हो गई है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के पांचवें दौर की रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है।

Indian Population- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Indian Population

National Family Health Survey: भारत में संतान उत्पत्ति की दर 2.2 से घटकर 2.0 हो गई है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के पांचवें दौर की रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है। यह जनसंख्या नियंत्रण उपायों की अहम प्रगति को दर्शाता है। कुल प्रजनन दर (TFR) को प्रति महिला बच्चों की औसत संख्या के रूप में मापा जाता है, जो राष्ट्रीय स्तर पर NFHS-4 और 5 के बीच 2.2 से घटकर 2.0 हो गई है।

ये राज्य अभी भी राष्ट्रीय प्रजनन दर से आगे

देश में केवल पांच राज्य हैं, जो 2.1 के प्रजनन क्षमता के रिप्लेसमेंट लेवल से ऊपर हैं। इनमें बिहार (2.98), मेघालय (2.91), उत्तर प्रदेश (2.35), झारखंड (2.26) और मणिपुर (2.17) शामिल हैं। NFHS-5 सर्वे में देश के 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के 707 जिलों (मार्च, 2017 तक) के लगभग 6.37 लाख सैंपल परिवारों से लिए गए हैं। इसमें 7,24,115 महिलाओं और 1,01,839 पुरुषों को शामिल किया गया था।

गर्भनिरोधक का इस्तेमाल बढ़ा

समग्र गर्भनिरोधक प्रसार दर (CPR) देश में 54 प्रतिशत से बढ़कर 67 प्रतिशत हो गई है। गर्भनिरोधकों के आधुनिक तरीकों का इस्तेमाल भी लगभग सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में बढ़ गया है। परिवार नियोजन की अधूरी जरूरतों में 13 प्रतिशत से 9 प्रतिशत की महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई है।

गांवों में भी अब घरों की बजाय संस्थाओं में बच्चों को जन्म देने को तवज्जो

NHFS-5 ने यह भी उल्लेख किया है कि संस्थागत जन्म भारत में 79 प्रतिशत से बढ़कर 89 प्रतिशत हो गए हैं। यहां तक ​​कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगभग 87 प्रतिशत जन्म संस्थानों में दिया जाता है और शहरी क्षेत्रों में यह 94 प्रतिशत है। अरुणाचल प्रदेश में संस्थागत जन्म में अधिकतम 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके बाद असम, बिहार, मेघालय, छत्तीसगढ़, नागालैंड, मणिपुर, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई। पिछले 5 वर्षों में 91 प्रतिशत से अधिक जिलों में 70 प्रतिशत से अधिक जन्म स्वास्थ्य सुविधाओं में हुए हैं।

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