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Hindi News भारत राष्ट्रीय NASA DART Mission: नासा के अंतरिक्ष यान ने उल्कापिंड को मारी थी टक्कर, नई तस्वीरों से हुआ बड़ा खुलासा

NASA DART Mission: नासा के अंतरिक्ष यान ने उल्कापिंड को मारी थी टक्कर, नई तस्वीरों से हुआ बड़ा खुलासा

NASA DART Mission: चिली के एक टेलीस्कोप द्वारा ली गई एक नई तस्वीर से पता चला कि नासा के ‘डार्ट’ अंतरिक्ष यान ने टक्कर मारकर जो उल्कापिंड तोड़ा था, उसका मलबा स्पेस में हजारों किलोमीटर फैला है।

NASA's DART Mission- India TV Hindi Image Source : NASA NASA's DART Mission

NASA DART Mission: जहां तक इंसानी कल्पना जा सकती है, NASA हमेशा से ही अंतरिक्ष की दुनिया में वो काम करने के लिए जाना जाता है। अब दुनिया में पहली बार, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के एक स्पेसशिप ने परीक्षण के तहत एक एस्टेरॉयड को टक्कर मारी है। लेकिन अब इस मिशन के बाद एक हैरान करने वाली जानकारी सामने आई है। दरअसल, चिली के एक टेलीस्कोप द्वारा ली गई एक नई तस्वीर से पता चला कि नासा के ‘डार्ट’ अंतरिक्ष यान ने टक्कर मारकर जो उल्कापिंड तोड़ा था, उसका मलबा स्पेस में हजारों किलोमीटर फैला है। 

डार्ट की टक्कर के बाद एस्ट्रोनॉमर्स को क्या दिखा?
‘डबल एस्टेरॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट’ (डार्ट) के अंतरिक्षयान ने इरादतन डाइमॉरफोस नाम के उल्कापिंड को 26 सितंबर को टक्कर मारी थी। डाइमॉरफोस वास्तव में डिडमोस नाम के क्षुद्रग्रह का पत्थर था। यह पहला ग्रह रक्षा परीक्षण था जिसमें एक अंतरिक्ष यान के प्रभाव ने एक क्षुद्रग्रह की कक्षा को बदलने का प्रयास किया था। 

नई तस्वीरों में दिखे धूल के निशान 
डार्ट की टक्कर के दो दिन बाद खगोलविदों (एस्ट्रोनॉमर्स) ने चिली में 4.1-मीटर दक्षिणी खगोल भौतिकी अनुसंधान (एसओएआर) टेलीस्कोप का उपयोग एस्टेरॉयड की सतह से उड़ी धूल और मलबे के विशाल ढेर की तस्वीरों को लेने के लिये किया। नई तस्वीरों में धूल के निशान को दिखाती है - इजेक्टा जिसे सूर्य के रेडिएशन दबाव से दूर धकेल दिया गया है, जैसे धूमकेतु की पूंछ - केंद्र से देखने के क्षेत्र के दाहिने किनारे तक फैली हुई है। 

शोधकर्ताओं ने कहा कि जिस समय यह तस्वीरें ली गई उस समय डिडमोस की पृथ्वी से दूरी टक्कर के प्वाइंट से कम से कम 10,000 किलोमीटर के बराबर होगी। लोवेल वेधशाला के टैडी कारेटा ने कहा, “यह अद्भुत है कि हम टक्कर के बाद के दिनों में संरचना और उसकी सीमाओं की इतनी स्पष्ट तस्वीरें लेने में सक्षम थे।” 

क्या था नासा के डार्ट मिशन का मकसद?
‘डबल एस्टेरॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट’ (डार्ट) नामक अंतरिक्ष यान के जरिए किए गए इस परीक्षण से वैज्ञानिकों ने यह पता लगाने की कोशिश की है कि क्या पृथ्वी की तरफ आने वाले किसी उल्कापिंड को टक्कर मारकर उसकी दिशा बदली जा सकती है, ताकि धरती की रक्षा हो सके। 

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