मुस्लिम स्कॉलर्स ने RSS प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की, कई मुद्दों पर हुई चर्चा
शाहिद सिद्दीकी, और सईद शेरवानी भी हाल ही में RSS के अस्थायी कार्यालय उदासीन आश्रम में बंद कमरे में हुई बैठक में मौजूद थे।
नयी दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत से हाल ही में कुछ जाने-माने मुस्लिम स्कॉलर्स से मुलाकात की थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस. वाई. कुरैशी, दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) जमीरुद्दीन शाह समेत कई मुस्लिम बुद्धिजीवियों के एक ग्रुप ने हाल ही में मोहन भागवत से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान देश में सांप्रदायिक सौहार्द को मजबूत करने की योजना तैयार की गई।
सांप्रदायिक सद्भाव को मजबूत करने को लेकर हुई बात
सूत्रों ने बताया कि पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी, और परोपकारी सईद शेरवानी भी हाल ही में RSS के अस्थायी कार्यालय उदासीन आश्रम में बंद कमरे में हुई बैठक में मौजूद थे। सूत्रों ने कहा कि दो घंटे तक चली बैठक के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द को मजबूत बनाने और अंतर-सामुदायिक संबंधों में सुधार पर व्यापक चर्चा हुई। बैठक में मौजूद सूत्रों ने बताया कि भागवत और स्कॉलर्स, दोनों ने सहमति व्यक्त की कि समुदायों के बीच सांप्रदायिक सद्भाव व सुलह को मजबूत किए बिना देश प्रगति नहीं कर सकता।
गांधीवादी दृष्टिकोण का पालन करने पर भी चर्चा हुई
सूत्रों ने कहा, ‘दोनों पक्षों ने सांप्रदायिक सद्भाव व समुदायों के बीच मतभेदों को दूर करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए एक योजना तैयार की गई।’ सूत्रों ने कहा कि देश के समग्र कल्याण के लिए गांधीवादी दृष्टिकोण का पालन करने पर भी चर्चा हुई। सितंबर 2019 में, भागवत ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना सैयद अरशद मदनी से RSS कार्यालय में मुलाकात की थी। बैठक के दौरान उन्होंने हिंदुओं व मुसलमानों के बीच एकता को मजबूत करने तथा ‘मॉब लिंचिंग’ की घटनाओं समेत कई मुद्दों पर चर्चा की थी।
कई घटनाओं ने भाईचारे को किया था कमजोर
बता दें कि हाल ही में देश में कुछ ऐसी घटनाओं ने चर्चा बटोरी थी जिन्होंने आपसी भाईचारे को कमजोर किया था। बीजेपी की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद के कथित अपमान के बदले में कम से कम 2 लोगों की हत्या की खबरें सामने आई थीं, और कई लोगों पर हमले हुए थे। इसके पहले हिजाब के मामले को लेकर भी दोनों समुदायों के बीच तनाव देखने को मिला था। (भाषा से इनपुट्स के साथ)