मुसलमानों के 17 सदस्य दल ने मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। मुस्लिमों के 17 सदस्यीय दल की अमित शाह के साथ डेढ़ घण्टे तक मुलकात चली। इस डेलिगेशन में मौलाना महमूद मदनी, कमाल फ़ारूक़ी, अख्तरुल वासे, इमाम असगर अली मेहदी समेत 17 लोग शामिल थे। मुसलमानों के इस डेलिगेशन ने गृह मंत्री के सामने रामनवमी दंगे समेत कई अहम मुद्दों को रखा। इस दौरान हाल में हुई रामनवमी हिंसा के मामले समेत हेट स्पीच के मुद्दे को भी उठाया।
हेट स्पीच, मॉब लिंचिंग, मदरसों के मुद्दे पर बात
डेलिगेशन में शामिल लोगों ने हेट स्पीच देने वालो के खिलाफ गृह मंत्री से कार्रवाई की मांग की है। इसके अलावा उन्होंने मॉब लिंचिंग के मुद्दे को भी उठाया। डेढ़ घण्टे तक चली इस मुलाकात में कॉमन सिविल कोड के मामले पर भी डेलिगेशन ने अपनी बात को रखा और इसका विरोध जताया। इस दौरान हिजाब मुद्दे पर भी चर्चा की गई। 17 सदस्यीय मुस्लिमों के दल ने मदरसों के मुद्दे को लेकर भी गृह मंत्री अमित शाह के सामने बात रखी। इसके अलावा कर्नाटक में मुस्लिम रिजर्वेशन खत्म करने का मामला भी गृह मंत्री के सामने रखा गया।
मुस्लिम डेलिगेशन ने उठाया कश्मीर का मुद्दा
अमित शाह से मिलने गए इस डेलिगेशन में मौलाना महमूद मदनी, कमाल फ़ारूक़ी, अख्तरुल वासे, इमाम असगर अली मेहदी जैसे कई बड़े नेता शामिल थे। इस दौरान 17 लोगों के डेलिगेशन ने वक्फ की जायदादों और कब्जे को लेकर बात की और कश्मीर का मसले को उठाते हुए डेलिगेशन ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाने का सरकार का तरीका सही नहीं था। इसके अलावा असम में सरकारी जमीनों को खाली कराने के मामले को भी रखा गया। वहीं गृह मंत्री के सामने मौलाना कलीम सिद्दीकी की रिहाई की भी मांग की गई। मुसलमानों के डेलिगेशन ने समलैंगिकता के मामले को भी उठाया और कोर्ट में इस मामले पर सरकार से अपील की कि वह समलैंगिकता का विरोध जताए।
रिपोर्ट- शोएब रजा, दिल्ली
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