Mumbai Metro News: मुंबई मेट्रो रेल निगम लिमिटेड (MMRCL) ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अक्टूबर 2019 के बाद मुंबई की Aarey कॉलोनी में कोई पेड़ नहीं काटा गया है। MMRCL की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जज यू यू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि उन्होंने 2019 में उच्चतम न्यायालय के सामने बयान दिया था कि आरे कालोनी में मेट्रो कोच शेड के लिये और पेड़ नहीं काटे जाएंगे। और उसके बाद से कोई पेड़ नहीं काटा गया है। मेहता ने पीठ से कहा, “मैंने एक बयान दिया था कि अब और कोई पेड़ नहीं काटे जाएंगे और मैंने आज एक हलफनामा दाखिल किया है कि उसके बाद, कोई पेड़ नहीं काटा गया।”
"वाहन गुजर सकें इसलिए की शाखाओं की छटाई"
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि अधिकारियों ने आरे कालोनी में पेड़ों को फिर से काटना शुरू कर दिया है। मेहता ने कहा कि जमीन पर कुछ झाड़ियां थीं जिन्हें साफ कर दिया गया है और कुछ शाखाओं की छंटाई की गई है ताकि वहां से वाहन गुजर सकें। उन्होंने कहा, “यह छंटाई (शाखाओं की) हुई है। मैंने हलफनामे में यहीं कहा है। कोई पेड़ नहीं काटा जा रहा है।”
"अगली सुनवाई तक भी कोई पेड़ नहीं काटे जाएंगे"
हलफनामे को रिकॉर्ड में लेते हुए पीठ ने कहा कि और चीजों पर विचार किए जाने तक निगम की तरफ से दाखिल हलफनामे में व्यक्त किए गए रुख के मद्देनजर कोई विशिष्ट अंतरिम निर्देश दिए जाने की आवश्यकता नहीं है। पीठ ने कहा, “यह कहना पर्याप्त है कि जैसा कि संबंधित प्रतिवादी द्वारा बताया गया है, सात अक्टूबर, 2019 के आदेश के बाद से आगे कोई पेड़ नहीं काटा गया है, और सुनवाई की अगली तारीख तक भी किसी तरह से पेड़ नहीं काटे जाएंगे।” पीठ ने इसके साथ ही मामले में सुनवाई की अगली तारीख 10 अगस्त तय की।
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