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Hindi News भारत राष्ट्रीय Muharram 2022: मुहर्रम का जुलूस रोकने के लिए श्रीनगर में कर्फ्यू जैसी पाबंदियां

Muharram 2022: मुहर्रम का जुलूस रोकने के लिए श्रीनगर में कर्फ्यू जैसी पाबंदियां

Muharram 2022: जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में अधिकारियों ने शिया समुदाय के लोगों को मुहर्रम का जुलूस निकालने से रोकने के लिए कर्फ्यू जैसी पाबंदियां लगाई हैं।

Curfew-like restrictions in Srinagar to stop Muharram processions- India TV Hindi Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE Curfew-like restrictions in Srinagar to stop Muharram processions

Highlights

  • मुहर्रम का जुलूस निकालने से रोकने के लिए रोक
  • श्रीनगर के कई इलाकों में कर्फ्यू जैसी पाबंदियां लगी
  • कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन का फैसला

Muharram 2022: जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में अधिकारियों ने शिया समुदाय के लोगों को मुहर्रम का जुलूस निकालने से रोकने के लिए कर्फ्यू जैसी पाबंदियां लगाई हैं। अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर शहर के कई इलाकों में लोगों की आवाजाही और उनके इकट्ठा होने पर पाबंदियां लगाई गई हैं। उन्होंने बताया कि मुहर्रम के आठवें दिन कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए पाबंदियां लगायी गयी हैं। मुहर्रम 10 दिन तक मनाया जाने वाला शोक है। 

कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए लिया फैसला
अधिकारियों ने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। जिन इलाकों में पाबंदियां लगाई गई हैं, वहां दुकानें और दूसरे कमर्शियल प्रतिष्ठान बंद हैं जबकि सार्वजनिक वाहन सड़कों से नदारद हैं। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए कुछ रास्तों पर मुहर्रम का जुलूस नहीं निकालने देने का फैसला किया है। पहले हुई हिंसा की घटना का हवाला देते हुए श्रीनगर के जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि जनहित और नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कानून-व्यवस्था की स्थिति सरकार की टॉप प्राथमिकता है। 

शांतिपूर्ण जुलूस के लिए वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध
जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से मुहर्रम का जुलूस निकालने के लिए वैकल्पिक मार्ग पहले ही उपलब्ध कराए गए हैं। उन्होंने आगाह किया कि किसी तरह के उल्लंघन की स्थिति में सुरक्षा एजेंसियां कानून के तहत इस मामले पर संज्ञान लेंगी। बता दें कि मुहर्रम के आठवें दिन पारंपरिक जुलूस इन इलाकों से गुजरता था, लेकिन 1990 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद से इन पर प्रतिबंध लगा दिया गया।

31 जुलाई से शुरु मुहर्रम, 9 अगस्त को आशूरा
जानकारी के लिए बता दें कि मोहर्रम का महीना इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना होता है। ये महीना शिया और सुन्नी मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए बेहद खास होता है। इस साल मुहर्रम की शुरुआत 31 जुलाई से हो रही है। मुहर्रम की 10वीं तारीख यौम-ए-आशूरा के नाम से जानी जाती है। ये इस्लाम धर्म का प्रमुख दिन होता है। ऐसी मान्यता है कि मोहर्रम के महीने में हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी। हजरत इमाम हुसैन इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मुहम्मद साहब के छोटे नवासे थे। हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में मुहर्रम के महीने के 10वें दिन को लोग मातम के तौर पर मनाते हैं, जिसे आशूरा कहा जाता है। आशूरा मातम का दिन होता है। इस दिन मुस्लिम समुदाय के बीच मातम मनाया जाता है। भारत में इस साल मुहर्रम की शुरुआत 31 जुलाई को हुआ था। ऐसे में आशूरा 09 अगस्त दिन मंगलवार को होगा। 

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