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Hindi News भारत राष्ट्रीय Mothers Day: इस मां ने नक्सली बेटे की मौत के 2 साल बाद भी नहीं किया उसका अंतिम संस्कार, ये है वजह

Mothers Day: इस मां ने नक्सली बेटे की मौत के 2 साल बाद भी नहीं किया उसका अंतिम संस्कार, ये है वजह

बदरू की 19 मार्च 2020 को गोली लगने से मौत हो गई थी। उस दौरान उसकी उम्र महज 22 साल थी। पुलिस का कहना है कि बदरू नक्सली कैडर से जुड़ा था, लेकिन बदरू की मां इस बात को नहीं मानती। 

Badru- India TV Hindi Image Source : ANI mother Madvi Marco did not perform the last rites of her son

Highlights

  • बेटे की मौत के 2 साल बाद भी नहीं किया उसका अंतिम संस्कार
  • बेटे को न्याय दिलाने की मांग लिए रोती रहती है ये मां
  • बदरू की 19 मार्च 2020 को गोली लगने से हुई थी मौत

Mothers Day: देशभर में आज मदर्स डे मनाया जा रहा है लेकिन छत्तीसगढ़ के बस्तर में एक मां आंखों में आंसू लिए 2 साल से इस बात का इंतजार कर रही है कि एक दिन आएगा और वह अपने बेटे बदरू माड़वी की अंत्येष्टि कर सकेगी। 

बदरू की 19 मार्च 2020 को गोली लगने से मौत हो गई थी। उस दौरान उसकी उम्र महज 22 साल थी। पुलिस का कहना है कि बदरू नक्सली कैडर से जुड़ा था, लेकिन बदरू की मां इस बात को नहीं मानती और कहती हैं कि उनका बेटा तो जंगल में महुआ बीनने गया था और शाम को ये खबर मिली कि उसे गोली मार दी गई है। 

बदरू की मौत को 2 साल बीत चुके हैं, लेकिन उसकी मां माड़वी मारको ने अब तक उसकी अंत्येष्टि नहीं होने दी। वह इस बात को बिल्कुल मानने को तैयार ही नहीं हैं कि उनका बेटा नक्सलियों से जुड़ा हुआ था। 

मां ने बदल दिया जीने का मकसद

मां माड़वी मारको ने इसलिए अब तक बेटे के शव की अंत्येष्टि नहीं होने दी है क्योंकि उसे उम्मीद है कि एक दिन कोर्ट से आदेश आएगा और दोबारा पोस्टमार्टम और फोरेंसिक जांच होगी। माड़वी का मानना है कि ऐसा होने से उसके बेटे पर नक्सली होने का लेवल हट जाएगा और अपमान के साथ नहीं जीना होगा। 

हालांकि इस मामले में दंतेवाड़ा के एसपी सिद्धार्थ तिवारी का कहना है कि गमपुर मुठभेड़ के बाद हुई मजिस्ट्रियल जांच में ये सामने आया था कि मृतक बदरू माड़वी नक्सली कैडर का था। ज्यादा जानकारी फाइल देखने के बाद ही दे पाएंगे। 

उम्मीदें ना जल जाएं इसलिए शव की कब्र के पास बैठी रहती है मां 

मां माड़वी मारको बेटे की कब्र के पास बैठी रहती है। उसका मानना है कि अगर बेटे का अंतिम संस्कार कर दिया, तो उसकी आखिरी उम्मीद भी जल जाएगी। जब तक कोर्ट इस मामले को नहीं देखता, तब तक बेटे की अंत्येष्टि नहीं करूंगी। 

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