संसद में जारी शीतकालीन सत्र के दौरान देश की अदालतों में लंबित मामलों की बारे में जानकारी दी गई है। लोकसभा में जारी किए गए आंकड़े हैरान करने वाले हैं। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया है कि एक दिसंबर तक देश की विभिन्न अदालतों में 5,08,85,856 मामले लंबित थे। इसके साथ ही कानून मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में भी लंबित मामलों के भी आंकड़े बताए हैं। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
किन अदालतों में कितने मामले लंबित
शुक्रवार को लोकसभा में जानकारी देते हुए केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि देश की विभिन्न अदालतों में लंबित 5 करोड़ से अधिक मामलों में सभी 25 उच्च न्यायालयों में लंबित 61 लाख से अधिक मामले शामिल हैं। इनमें सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित कुल 80,000 मामले शामिल हैं। कानून मंत्री मेघवाल ने बताया है कि देश के जिला और अधीनस्थ अदालतों में 4.46 करोड़ से अधिक मामले लंबित हैं।
न्यायलयों में कितने जज स्वीकृत
कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने लोकसभा में बताया कि बताया कि भारतीय न्यायपालिका में न्यायाधीशों की कुल स्वीकृत संख्या 26,568 है। उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 34 है, वहीं उच्च न्यायालयों में यह आंकड़ा 1,114 न्यायाधीशों का है। जिला और अधीनस्थ न्यायालयों में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 25,420 है।
रिक्तियों के संबंध में जानकारी सामने आई
कानून मंत्री ने कहा है कि उच्च न्यायालय कॉलेजियम द्वारा भेजे गए न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए 123 प्रस्ताव आए हैं जिनमें से 12 दिसंबर तक 81 प्रस्ताव सरकार के स्तर पर प्रक्रिया के विभिन्न चरण में हैं। वहीं, शेष 42 प्रस्ताव उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम के विचाराधीन हैं। कानून मंत्री ने आगे बताया कि 201 रिक्तियों के संबंध में उच्च न्यायालय के कॉलेजियम से सिफारिशें अभी नहीं मिली हैं। (इनपुट: भाषा)
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