Monkeypox: केरल में मंकीपॉक्स से एक व्यक्ति की मौत, लेकिन फिर भी आपको टेंशन लेने की जरूरत नहीं, जानिए क्यों
मंकीपॉक्स को लेकर ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है। क्योंकि जिस शख्स की इससे मौत की बात कही जा रही है, उसे लेकर अभी ये साफ नहीं है कि वह वायरस के कारण ही मरा है।
Highlights
- केरल में मंकीपॉक्स वायरस से एक मौत
- यूएई से लौटा था 22 साल का युवक
- केरल में मिले मंकीपॉक्स के कई मामले
Monkeypox Virus: संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से कुछ दिन पहले केरल आए एक शख्स की शनिवार (30 जुलाई) को त्रिशूर में मंकीपॉक्स वायरस के कारण मौत हो गई। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने रविवार को कहा था कि 22 साल के युवक की मौत के कारणों की जांच करेंगे, जो यूएई से लौटा था और एक दिन पहले कथित रूप से मंकीपॉक्स के कारण उसकी मौत हुई। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मरीज युवा था और उसे कोई और बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी कोई अन्य दिक्कत नहीं थी, लिहाज स्वास्थ्य विभाग उसकी मौत के कारणों का पता लगा रहा है। जॉर्ज ने कहा कि इस बात की जांच की जाएगी कि 21 जुलाई को यूएई से आने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराने में देरी क्यों की गई।
मंत्री ने मीडिया से कहा, ‘मंकीपॉक्स का यह खास प्रकार कोविड-19 जैसा उच्च स्तर का संक्रामक नहीं है लेकिन यह फैलता है। तुलनात्मक रूप से, मंकीपॉक्स के इस प्रकार से मृत्यु होने की दर कम है। इसलिए, हम जांच करेंगे कि इस विशेष मामले में 22 वर्षीय व्यक्ति की मौत क्यों हुई क्योंकि उसे कोई अन्य बीमारी या स्वास्थ्य समस्या नहीं थी।' उन्होंने कहा कि चूंकि मंकीपॉक्स का यह प्रकार फैलता है, इसलिए इसे रोकने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए गए हैं। अन्य देशों से बीमारी के विशेष प्रकार के बारे में कोई अध्ययन उपलब्ध नहीं है जहां इस बीमारी का पता चला है और इसलिए केरल इस पर अध्ययन कर रहा है।
इससे पहले भी केरल में इसी बीमारी के कई मामले सामने आए थे और तीनों ही मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। जबकि दो अन्य मरीजों की हालत स्थिर बताई जा रही है। दिल्ली में भी मंकीपॉक्स का एक मामला सामने आया था। ये मामला इसलिए अलग है क्योंकि मरीज ने विदेश यात्रा नहीं की। जबकि केरल में सामने आए मामलों में पाया गया कि मरीजों ने मध्य पूर्व की यात्रा की थी।
केरल में जान गंवाने वाला शख्स कौन था?
मंकीपॉक्स से जान गंवाने वाला शख्स त्रिशूर के पुन्नियूर का रहने वाला था। उसकी यूएई से लौटने के कुछ दिनों बाद त्रिशूर के एक निजी अस्पताल में मृत्यु हो गई। इसके बाद, केरल स्वास्थ्य विभाग ने उसके नमूने अलाप्पुझा में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) की केरल यूनिट को भेजे थे। वह पहले ही वायरस से संक्रमित हो गया था लेकिन परिवार ने इसकी जानकारी शनिवार को दी। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने कहा कि युवक 22 जुलाई को केरल पहुंचा था और 26 जुलाई को बुखार आने के बाद अस्पताल आया। बाद में उसे लाइफ सपोर्ट पर रखा गया और शनिवार शाम को उसकी मौत हो गई।
क्या मंकीपॉक्स जानलेवा बीमारी है?
मंकीपॉक्स को लेकर ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है। क्योंकि जिन शख्स की इससे मौत की बात कही जा रही है, उसे लेकर अभी ये साफ नहीं है कि वह वायरस के कारण ही मरा है। उसकी मौत के पीछे दूसरे कारण भी हो सकते हैं। जिसे विशेषज्ञों द्वारा उसकी स्थिति का विश्लेषण करने के बाद ही बताया जा सकता है। मंत्री का कहना है कि मंकीपॉक्स से पॉजिटिव पाए जाने के बाद बावजूद उसमें बीमारी के लक्षण नहीं दिखे थे। उन्होंने कहा, 'युवक में मंकीपॉक्स के कोई लक्षण नहीं थे। उसे इंसेफेलाइटिस और थकान के लक्षणों के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसके रिश्तेदारों ने टेस्ट रिजल्ट (यूएई में की गई जांच रिपोर्ट) शनिवार को ही सौंप दिया था।'
अध्ययन में पता चला है कि मंकीपॉक्स महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को निशाना बना रहा है। नई खोज से पता चला है कि उन गे, बायसैक्सुएल और अन्य पुरुषों के बीच मंकीपॉक्स का कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो गया है, जिन्होंने वायरस से प्रभावित देशों के पुरुषों के साथ शारीरिक संबंध बनाए हैं। इस वक्त यूरोप में मंकीपॉक्स वायरस का सबसे अधिक कहर देखा जा रहा है।
अभी तक मंकीपॉक्स से कितने लोग संक्रमित हुए?
मंकीपॉक्स से दुनिया के 78 देशों के 20,000 से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं। सबसे अधिक मौत अफ्रीका में हो रही हैं, जहां कई साल से इस बीमारी के लोग संक्रमित हो रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि वायरस का एक अधिक विषाणुजनित स्ट्रेन तेजी से फैल रहा है। कुल मौत में से 75 से अधिक अफ्रीका में दर्ज की गई हैं। अफ्रीका के बाहर केवल तीन मौत दर्ज की गई हैं, जिसमें केरल में हुई मौत शामिल नहीं है। अफ्रीका महाद्वीप के बाहर मंकीपॉक्स से हुई पहली मौत शुक्रवार को ब्राजील में दर्ज की गई है। इसी दिन स्पेन में एक मरीज ने जान गंवाई। इसके अगले दिन शनिवार को ही स्पेन में एक और शख्स की मंकीपॉक्स के कारण मौत हो गई। स्पेन में हुईं दो मौत, यूरोप में मंकीपॉक्स के कारण हुईं पहली मौत हैं।
हालांकि, यह बात ध्यान रखना जरूरी है कि ब्राजील में पीड़ित एक 41 वर्षीय व्यक्ति था, जो लिम्फोमा और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली से जूझ रहा था। DW की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि स्पेन में दोनों मरीजों को संक्रमण के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मौत से पहले बीमारी ने इनके मस्तिष्क पर प्रभाव डाला था। यह संभव है कि उनकी मृत्यु पहले से मौजूद स्थितियों से जुड़ी हो।
भारत के सबसे प्रतिष्ठित महामारी विज्ञानियों में से एक, डॉ आर गंगाखेडकरी का कहना है, 'बीमारी से मौत का खतरा काफी कम है- 1 फीसदी से भी कम। ये अनुमान भी अफ्रीका के आंकड़ों पर आधारित है। अभी तक अफ्रीका के बाहर कोई मौत दर्ज नहीं की गई थी, लेकिन अब तीन मौत दर्ज हो गई हैं। ये आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। सांख्यिकीय रूप से बीमारी से मृत्यु दर बहुत कम है।'