Monkeypox News: देश में मंकीपॉक्स के मामले इतने नहीं आ रहे हैं, लेकिन फिर भी इसे लेकर जो नई स्टडी आई है, वह चौंकाने वाली है।। आईसीएमआर की स्टडी रिपोर्ट में मंकीपॉक्स सब.क्लस्टर के बारे में पता चला है। इसके अनुसार भारत में मंकीपॉक्स संक्रमण के 3 सब क्लस्टर पाए गए हैं। दो दिल्ली में जबकि एक सब क्लस्टर केरल में मिला है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग दोनों प्रदेशों को लेकर विशेष सतर्कता बरत रहा है।
62 हजार के आंकड़े को पार कर चुकी है मरीजों की तादाद
दरअसल, मंकीपॉक्स वायरस के फैलाव को लेकर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। इस बीमारी की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दुनियाभर में इससे संक्रमित मरीजों की तादाद 62 हजार के आंकड़ों को पार कर चुकी है। साथ ही मंकीपॉक्स संक्रामक बीमारी अभी तक 108 देशों में फैल चुकी है।
स्वास्थ्य विभाग मंकीपॉक्स के तीन सब क्लस्टर पाए जाने के बाद ज्यादा सतर्क
स्टडी रिपोर्ट के अनुसार मंकीपॉक्स का पहला सब क्लस्टर एन5केरल और एन2 दिल्ली ;द2द्ध में पाया गया है। भारत में पाया गया तीसरा मंकीपॉक्स सब क्लस्टर ब्रिटेन, अमेरिका और थाईलैंड कैटेगरी का पाया गया है। भारत में मंकीपॉक्स के तीन सब क्लस्टर पाए जाने के बाद स्वास्थ्य महकमा और ज्यादा सतर्क हो गया है। ताकि इस खतरनाक वायरस के फैलाव को रोका जा सके। साथ ही इससे संक्रमित लोगों का जल्द से जल्द पता लगाकर उन्हें उचित समय पर इलाज मुहैया कराया जा सके।
मंकीपॉक्स से न्यूरो और मानसिक समस्याओं का जोखिम बढ़ाः नई रिसर्च
स्टडी रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में पाए गए 90 से 99 फीसद मंकीपॉक्स वायरस सिक्वेंस का जीनोमए.2 ग्रुप से संबंधित पाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार जुलाई-अगस्त 2022 के बीच की अवधि के दौरान 18 राज्यों से मंकीपॉक्स के 96 संदिग्ध मामले नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे को जांच के लिए भेजे गए थे। इनमें से 10 मामले पॉजिटिव पाए गए थे। इनमें दिल्ली से 5 केस थे। इनमें 3 पुरुष और 2 महिलाएं शामिल थीं। वहीं केरल के 5 केस थे। दिल्ली में पाए गए मंकीपॉक्स के मरीजों का किसी तरह का अंतरराष्ट्रीय ट्रैवल हिस्ट्री नहीं था। जबकि केरल में जिनमें मंकपॉक्स पाए गए वे यूएई से भारत आए थे।
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