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Monkeypox News: मंकीपॉक्स से बचने के लिए सावधानी और सतर्कता बढ़ानी होगी - WHO

Monkeypox News: 70 से अधिक देशों में मंकीपॉक्स का प्रसार होना एक ‘‘असाधारण’’ हालात है और यह अब वैश्विक आपात स्थिति है।

Monkeypox- India TV Hindi Image Source : FILE Monkeypox

Highlights

  • मई माह के बाद उन देशों में भी फैला, जहां इसका नामोनिशान नहीं थाः डब्ल्यूएचओ
  • इसका प्रकोप पांच देशों में सबसे ज्यादा, सबसे ज्यादा चपेट में स्पेन के लोग
  • अमेरिका में 2890 लोग इसकी चपेट में, जर्मनी में 2268, ब्रिटेन में 2208

Monkeypox News: दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO की क्षेत्रीय निदेशक ने सदस्य देशों से मंकीपॉक्स से निपटने के लिए सावधानी बढ़ाने और जन स्वास्थ्य से जुड़े कदमों को मजबूत करने को कहा है। क्षेत्रीय निदेशक डॉ.पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि मंकीपॉक्स तेजी से और कई ऐसे देशों में फैल रहा है, जहां पहले इसके मामले सामने नहीं आए थे, जो बड़ी चिंता का कारण है। 

उन्होंने कहा, ‘‘संक्रमण के मामले ज्यादातर उन पुरुषों में पाए गए हैं, जिन्होंने पुरुषों के साथ संबंध बनाए। ऐसे में उस आबादी पर केंद्रित प्रयास करके बीमारी को और फैलने से रोका जा सकता है, जिनमें संक्रमण का खतरा अधिक है।’’ वैश्विक स्तर पर, 75 देशों में मंकीपॉक्स के 16,000 से अधिक मामले सामने आए हैं। WHO दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में, मंकीपॉक्स के चार मामले सामने आए हैं, जिनमें से तीन भारत में और एक थाईलैंड में पाया गया है। क्षेत्रीय निदेशक ने कहा, ‘‘महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे प्रयास और कदम संवेदनशील तथा भेदभाव रहित होने चाहिए।’’ 

वैश्विक खतरा बन सकता है मंकीपॉक्स 

WHO के महानिदेशक टेड्रोस ए.घेब्रेयसस ने शनिवार को कहा कि 70 से अधिक देशों में मंकीपॉक्स का प्रसार होना एक ‘‘असाधारण’’ हालात है और यह अब वैश्विक आपात स्थिति है। डॉ सिंह ने कहा, ‘‘हालांकि वैश्विक स्तर पर और क्षेत्र में मंकीपॉक्स का जोखिम मध्यम है, लेकिन इसके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैलने का खतरा वास्तविक है। इसके अलावा, वायरस के बारे में अब भी कई बातों का पता नहीं चल पाया है। हमें मंकीपॉक्स को और फैलने से रोकने के लिए सतर्क रहने और तेजी से कदम उठाने को तैयार रहने की जरूरत है।’’ मंकीपॉक्स संक्रमित जानवर के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क में आने से मनुष्यों में फैलता हैं। एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में यह संक्रमण संक्रमित की त्वचा और श्वास छोड़ते समय नाक या मुंह से निकलने वाली छोटी बूंदों के संपर्क में आने से फैलता है।

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