Monkeypox: केंद्र सरकार ने मंकीपॉक्स के मामलों से निपटने के लिए मौजूदा दिशा-निर्देशों पर पुनर्विचार करने के लिए बृहस्पतिवार को शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञों की एक बैठक बुलाई है। देश में मंकीपॉक्स के अब तक नौ मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से एक मरीज की मौत हो गयी है। एक अधिकारी ने बताया, ''यह मौजूदा दिशानिर्देशों पर पुनर्विचार के लिए की गयी एक तकनीकी बैठक है।'' बैठक की अध्यक्षता आपात चिकित्सा राहत के निदेशक डॉ. एल.स्वस्तिचरण ने की और इसमें राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रतिनिधि शामिल हुए हैं।
मंकीपॉक्स पर क्या हैं गाइडलाइन
- उन लोगों पर नजर रखें, जिनके शरीर पर दाने हैं।
- ऐसे लोगों का ध्यान रखें, जिन्होंने बीते 21 दिनों में किसी ऐसे देश में यात्रा की हो, जो मंकीपॉक्स इनफेक्टिड हो।
- मंकीपॉक्स केस को हेल्थकेयर फैसिलिटी में आइसोलेट करेंगे। इसके लिए मरीज के शरीर के दानों से पपड़ी उधड़ना जरूरी है।
- संदिग्ध मरीजों के सैंपल NIV पुणे में टेस्टिंग के लिए जाएंगे।
- पॉजिटिव केस की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग शुरू होगी।
- स्किन की बीमारी से पीड़ित लोगों से शारीरिक कॉन्टैक्ट से बचें।
- मरे हुए जंगली जानवरों से दूरी बनाएं।
- अफ्रीकी जंगली जानवरों से बनाए गए प्रोडक्ट्स से बचें।
केंद्र द्वारा मंकीपॉक्स बीमारी के प्रबंधन पर जारी दिशा निर्देशों के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति ने पिछले 21 दिनों के भीतर प्रभावित देशों की यात्रा की है और उसके शरीर पर लाल चकत्ते पड़ने, लसिका ग्रंथियों में सूजन, बुखार, सिर में दर्द, शरीर में दर्द और बहुत ज्यादा कमजोरी जैसे लक्षण दिखायी देते हैं तो उसे 'संदिग्ध' माना जाएगा। दिशा निर्देशों में संपर्क में आए लोगों को परिभाषित करते हुए कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति किसी संक्रमित में पहला लक्षण दिखायी देने और त्वचा पर जमी पपड़ी के गिर जाने तक की अवधि के दौरान उसके एक से अधिक बार संपर्क में आता है तो उसे संपर्क में आया व्यक्ति माना जाएगा।
यह संपर्क चेहरे से चेहरे का, सीधा शारीरिक संपर्क में आना, जिनमें यौन संबंध बनाना भी शामिल है, उसके कपड़ों या बिस्तर के संपर्क में आना हो सकता है। इसे मंकीपॉक्स का संदिग्ध या पुष्ट मामला माना जाएगा।
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