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Hindi News भारत राष्ट्रीय नए साल पर किसानों को तोहफा देगी मोदी सरकार, बजट में बढ़ाया जा सकता है कृषि कर्ज का लक्ष्य

नए साल पर किसानों को तोहफा देगी मोदी सरकार, बजट में बढ़ाया जा सकता है कृषि कर्ज का लक्ष्य

मोदी सरकार आगामी 2022-23 के बजट में कृषि ऋण के लक्ष्य को बढ़ाकर 18 लाख करोड़ रुपये कर सकती है। एक फरवरी को आम बजट पेश किया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी- India TV Hindi Image Source : PTI प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

Highlights

  • 2022-23 के बजट में कृषि ऋण के लक्ष्य को बढ़ाकर 18 लाख करोड़ रुपये किया जा सकता है
  • चालू वित्त वर्ष के लिए कृषि ऋण का लक्ष्य 16.5 लाख करोड़ रुपये है
  • सरकार हर साल कृषि ऋण के लक्ष्य को बढ़ा रही है

कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहन के लिए सरकार आगामी 2022-23 के बजट में कृषि ऋण के लक्ष्य को बढ़ाकर 18 लाख करोड़ रुपये कर सकती है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। आम बजट एक फरवरी को पेश किया जाएगा। चालू वित्त वर्ष के लिए कृषि ऋण का लक्ष्य 16.5 लाख करोड़ रुपये है। सरकार हर साल कृषि ऋण के लक्ष्य को बढ़ा रही है। सूत्रों ने बताया कि इस बार भी लक्ष्य को बढ़ाकर 18 से 18.5 लाख करोड़ रुपए किया जा सकता है। 

सूत्रों ने बताया कि इस महीने के आखिरी हफ्ते में बजट आंकड़ों को अंतिम रूप देते समय यह लक्ष्य तय किया जा सकता है। सरकार बैंकिंग क्षेत्र के लिए सालाना कृषि कर्ज का लक्ष्य तय करती है। इसमें फसल ऋण का लक्ष्य भी शामिल होता है। हाल के बरसों में कृषि ऋण का प्रवाह लगातार बढ़ा है और प्रत्येक वित्त वर्ष में कृषि कर्ज का आंकड़ा लक्ष्य से अधिक रहा है। उदाहरण के लिए 2017-18 के लिए कृषि ऋण का लक्ष्य 10 लाख करोड़ रुपए था, लेकिन उस साल किसानों को 11.68 लाख रुपये का कर्ज दिया गया। 

इसी तरह वित्त वर्ष 2016-17 में नौ लाख करोड़ रुपये के फसल ऋण के लक्ष्य पर 10. 66 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया। सूत्रों ने कहा कि कृषि क्षेत्र में ऊंचे उत्पादन के लिए कर्ज की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। संस्थागत ऋण की वजह से किसान गैर-संस्थागत स्रोतों से ऊंचे ब्याज पर कर्ज लेने से भी बच पाते हैं। आमतौर पर खेती से जुड़े कार्यों के लिए कर्ज नौ प्रतिशत ब्याज पर दिया जाता है। लेकिन सरकार किसानों को सस्ता कर्ज उपलब्ध कराने के लिए लघु अवधि के फसल ऋण पर ब्याज सहायता देती है। 

सरकार तीन लाख रुपये तक के लघु अवधि के फसल ऋण पर दो प्रतिशत की ब्याज सब्सिडी देती है। इससे किसानों को कर्ज सात प्रतिशत के आकर्षक ब्याज पर उपलब्ध होता है। इसके अलावा कर्ज का समय पर भुगतान करने वाले किसानों को तीन प्रतिशत का प्रोत्साहन भी दिया जाता है। ऐसे में उनके लिए कर्ज पर ब्याज दर चार प्रतिशत बैठती है।

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