हिंडनबर्ग मामले पर जांच के लिए तैयार मोदी सरकार, जल्द सामने आएंगे कमेटी के नाम
हिंडनबर्ग मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने कहा कि हम कमेटी बनाने के लिए तैयार हैं।
हिंडनबर्ग मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने कहा कि हम कमेटी बनाने के लिए तैयार हैं।हमें कमेटी बनाने में कोई ऑब्जेक्शन नहीं है। अब 17 फरवरी को इस मामले की अगली सुनवाई होगी। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कमेटी में कौन-कौन होगा, ये नाम हम बंद लिफाफे में देंगे।
केंद्र ने कहा- हमें कोई आपत्ति नहीं
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मनी फ्लो पर कमेटी का कुछ प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। मेहता का कहना है कि सरकार को यह सुझाव देने के लिए एक समिति नियुक्त करने में कोई आपत्ति नहीं है कि भविष्य में निवेशकों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए और स्थिति से निपटने के लिए सेबी सक्षम है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि नियामक तंत्र को मजबूत करने को लेकर विशेषज्ञ समिति स्थापित करने के प्रस्ताव पर कोई आपत्ति नहीं है।
17 फरवरी को होगी मामले की अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से शुक्रवार यानी 17 फरवरी को फिस से सुनवाई करने और कमेटी की कार्यप्रणाली के बारे में अवगत कराने को कहा। इस दौरान दलीलों की प्रति याचिका कर्ताओं को सौंपने के मुद्दे पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि नोट की गोपनीयता बरकरार रहनी चाहिए। बता दें कि केंद्र सरकार कमेटी के गठन को तैयार हो गई है। ये समिति सुझाव देगी कि मौजूदा नियामक व्यवस्था को कैसे बेहतर किया जा सकता है। इसके अलावा निवेशकों के हितों को कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है।
"कमेटी से आपत्ति नहीं तो जेपीसी से जांच क्यों नहीं"
कोर्ट में सरकार के इस जवाब के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश से ट्वीट किया है। जयराम रमेश ने लिखा है कि सोलिसिटर जनरल ने कहा है कि सरकार को कमेटी बनाने में कोई ऑब्जेक्शन नहीं है तो सरकार जेपीसी से जांच ना कराने पर क्यों अड़ी हुई है। उस जेपीसी से जांच क्यों नहीं कराना चाहती जिसमें ज्यादातर बीजेपी के नेता और उसके सहयोगी हैं।
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