नई दिल्ली: मोदी सरकार ने आंदोलन कर रहे किसानों की मांग मान ली है। सूत्रों का कहना है कि संयुक्त किसान मोर्चा के पास केंद्र सरकार की तरफ से एक लेटर आया है जिसमे मांगे मानने की बात लिखी है। किसान नेता कुलवंत सिंह ने सरकार द्वारा भेजे गए पत्र की पुष्टि करते हुए कहा कि सरकार किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने के लिए तैयार हो गई है, और साथ ही अन्य मांगें भी मान ली हैं जिसमें आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिजनों को मुआवजा देना भी शामिल है।
इससे पहले राकेश टिकैत ने इंडिया टीवी से फोन पर बताया कि सरकार से चिट्टी आई है लेकिन उसमें क्या है अभी मुझे जानकारी नही है। सिंघु बॉर्डर से चिट्टी के सम्बंध में बयान जारी किया जाएगा। वहीं, SKM प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने गाजीपुर बॉर्डर से इंडिया टीवी को फोन पर बताया कि गृह मंत्रालय से चिट्टी मिली है जिसपर सिंघु बॉर्डर पर मीटिंग में चर्चा हो रही है।
विरोध करने वाले किसानों की मुख्य मांगों में से एक तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद में एक विधेयक पारित किया गया था। हालांकि, गतिरोध रही क्योंकि प्रदर्शनकारी किसान अपनी अन्य मांगों जैसे एमएसपी की कानूनी गारंटी, आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा और मामलों को वापस लेने पर जोर दे रहे थे।
SKM ने बयान जारी कर कहा था, ‘‘SKM की अगली बैठक सात दिसंबर को तय की गई है और अगले दो दिन भारत सरकार की तरफ से जवाब देने और इस आंदोलन के तार्किक समाधान के लिए पांच सदस्यीय समिति के साथ काम करने के लिए रखा गया है।’’
किसान नेता और SKM के सदस्य शिव कुमार कक्का ने कहा कि पांच सदस्यीय समिति SKM और केंद्र के बीच समन्वयकारी एजेंसी होगी। उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग सोच रहे थे कि हम आंदोलन समाप्त कर देंगे, वे समय पूर्व अनुमान लगा रहे थे।’’ कक्का ने कहा कि जब तक एमएसपी पर गारंटी सुनिश्चित नहीं की जाती है और किसानों के खिलाफ मामले वापस नहीं लिए जाते हैं हम यहां से नहीं हटने वाले हैं।
Latest India News