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Hindi News भारत राष्ट्रीय MNREGA Scam: हरियाणा में हुआ बड़ा मनरेगा घोटाला, बैंक के दो अधिकारियों समेत 9 लोगों पर कसा शिकंजा

MNREGA Scam: हरियाणा में हुआ बड़ा मनरेगा घोटाला, बैंक के दो अधिकारियों समेत 9 लोगों पर कसा शिकंजा

MNREGA Scam: स्थानीय ग्रामीण सुखबीर सिंह ने सरकार की जन-शिकायत और हरियाणा 'सीएम विंडो पोर्टल' पर कई शिकायतें दर्ज कर आरोप लगाया था कि नूंह में मनरेगा योजना के तहत करीब दो-तीन साल पहले मृत हो चुके लोगों के नाम पर राशि जारी की जा रही है।

 MNREGA- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO MNREGA

Highlights

  • हरियाणा में हुआ बड़ा मनरेगा घोटाला
  • 21 लाख रुपये से अधिक की धांधली
  • पुलिस को मृत लोगों के नाम पर जारी कुछ 'जॉब कार्ड' मिले हैं

MNREGA Scam: हरियाणा के नूहं जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 21 लाख रुपये से अधिक की राशि के गबन का मामला सामने आया है। पुलिस को मृत लोगों के नाम पर जारी कुछ 'जॉब कार्ड' मिले हैं। पुलिस ने सोमवार को पंचायत एवं सिंचाई विभाग के कर्मचारियों और बैंक के दो अधिकारियों समेत नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। स्थानीय ग्रामीण सुखबीर सिंह ने सरकार की जन-शिकायत और हरियाणा 'सीएम विंडो पोर्टल' पर कई शिकायतें दर्ज कर आरोप लगाया था कि नूंह में मनरेगा योजना के तहत करीब दो-तीन साल पहले मृत हो चुके लोगों के नाम पर राशि जारी की जा रही है। नूंह के पुलिस अधीक्षक वरुण सिंघला ने बताया कि रोजका मेओ थाने में संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है और कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। 

2022-23 के लिए मनरेगा के तहत 73,000 करोड़ रुपये आवंटित 

आए दिन इस योजना में धांधली का मामला देखने को मिलता रहता है। इसके मद्देनजर इस साल की शुरुआत में खबर थी कि केंद्र सरकार मनरेगा को सख्त बनाने की तैयारी कर रही है, क्योंकि पिछले दो वर्षों के दौरान इस योजना के तहत ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम में काफी गड़बड़ियां या धांधली देखने को मिला है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी थी कि केंद्र ने 2022-23 के लिए मनरेगा के तहत 73,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान (आरई) में दिए गए 98,000 करोड़ रुपये से 25 प्रतिशत कम है। अगले वित्त वर्ष के लिए आवंटन, चालू वित्त वर्ष के लिए बजट अनुमान (बीई) के बराबर है। 

बिचौलिए कर रहे फर्जीवाड़ा

अधिकारी ने कहा कि पिछले दो वर्षों में बीई के मुकाबले आवंटन काफी अधिक रहा है और यह पाया गया कि इसमें जबर्दस्त ‘फर्जीवाड़ा’ हो रहा है तथा बिचौलिए योजना के तहत लाभार्थियों के नाम दर्ज करने के लिए पैसे ले रहे हैं। अधिकारी ने बताया, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण सीधे व्यक्ति तक धन पहुंचाने में सफल रहा है, लेकिन फिर भी ऐसे बिचौलिए हैं, जो लोगों से कह रहे हैं कि मैं आपका नाम मनरेगा सूची में डाल दूंगा, लेकिन आपको नकद हस्तांतरण के बाद वह राशि मुझे वापस देनी होगी। यह बड़े पैमाने पर हो रहा है।

 

 

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