मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के दफ्तर पर सोमवार शाम को भीड़ ने हमला कर दिया। इसमें कम से कम 7 सुरक्षाकर्मी के घायल होने की खबर है, जबकि सीएम संगमा सुरक्षित हैं। मुख्यमंत्री अभी भी तुरा में अपने दफ्तर के अंदर हैं, क्योंकि सैकड़ों लोगों ने उनके कार्यालय को घेर लिया है। दरअसल, मेघालय में काफी समय से शीतकालीन राजधानी की मांग को लेकर आंदोलन किए जा रहे हैं। गारो हिल्स स्थित सिविल सोसाइटी ग्रुप तुरा में शीतकालीन राजधानी की मांग कर रहा है। इसे लेकर लोग भुख हड़ताल पर भी हैं। 14 दिनों से चल रही भूख हड़ताल के बाद सीएम कोनराड के. संगमा ने इस मुद्दे पर बातचीत के लिए आंदोलनकारी समूहों को बुलाया था।
आंदोलनकारी समूहों के साथ चल रही थी चर्चा
मुख्यमंत्री कोनराड सीएमओ कार्यालय तुरा में तीन घंटे से ज्यादा समय से आंदोलनकारी समूहों के साथ शांतिपूर्ण चर्चा कर रहे थे। इस दौरान अचानक हजारों की भीड़ सीएमओ तुरा के पास आई और पथराव करना शुरू कर दिया। सीएमओ तुरा की खिड़कियों पर भी पत्थर फेंके गए। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। इससे प्रदर्शनकारी और अधिक उग्र हो गए और जमकर पथराव किया। इसमें कम से कम 7 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए।
तुरा में हुई घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है: सीएम
भीड़ ने गेट तोड़ने की भी कोशिश की। इस बीच, सीएम कोनराड संगमा ने हिंसा में घायल सुरक्षाकर्मियों का हालचाल जाना। वह पूरी स्थिति पर नजर रख रहे हैं। भीड़ के हमले को लेकर सीएम संगमा ने कहा कि तुरा में हुई घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रदर्शनकारी समूहों के साथ चर्चा करीब-करीब खत्म हो चुकी थी, तभी हमने बाहर से कुछ हलचल सुनी।
"घायलों को इलाज के लिए 50 हजार दिए जाएंगे"
सीएम ने कहा कि पथराव उन लोगों द्वारा शुरू किया गया जो आंदोलनकारी समूहों का हिस्सा नहीं थे। पुलिस की ओर से आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। घायलों को इलाज के लिए 50 हजार रुपये दिए जाएंगे। उनका सारा खर्च सरकार वहन करेगी। वहीं, सीएम ने आंदोलनकारी समूहों को शिलांग में चर्चा के लिए आमंत्रित किया है। ये चर्चा 8 या 9 अगस्त को हो सकती है।
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