बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार जारी है। आए दिन हिंदू देवी-देवताओं के मंदिर को तोड़ा जा रही है और हिंदुओं पर हमले किए जा रहे हैं। इस बीच इस्कॉन के मुख्य पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद से हिंदू अल्पसंख्यकों में बांग्लादेश सरकार के प्रति नाराजगी देखने को मिल रही है। इस बीच भारतीय विदेश सचिव 9 दिसंबर 2024 को विदेश कार्यालय के परामर्श के लिए बांग्लादेश का दौरा करने वाले हैं। बांग्लादेश के दौरे को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह बांग्लादेश पक्ष के साथ हमारी संरचित बातचीत का हिस्सा है।
सीरिया और बांग्लादेश पर विदेश मंत्रालय का बयान
विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश के मुद्दे पर आगे कहा कि हमने इस मुद्दे पर पहले भी बात की है। हम अपनी अपेक्षा को दोहराना चाहेंगे कि बांग्लादेश में चल रही प्रासंगिक कानूनी प्रक्रियाओं को निष्पक्ष, न्यायसंगत और पारदर्शी तरीके से निष्पादित किया जाए, जिससे संबंधित व्यक्तियों के कानूनी अधिकारियों का पूरा सम्मान सुनिश्चित हो सके। वहीं सीरिया को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने सीरिया के उत्तरी भाग में हाल ही में बढ़ी लड़ाई पर ध्यान दिया है। हम स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। सीरिया में लगभग 90 हजार भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से 14 विभिन्न संयुक्त राष्ट्र संगठनों में काम कर रहे हैं। हमारा मिशन अपने नागरिकों की सुरक्षा और संरक्षा के लिए उनके साथ निकट संपर्क में रहता है।
बांग्लादेश में शेख हसीना के भाषणों पर रोक
बता दें कि बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्ता पलट के बाद से हिंदुओं के खिलाफ आतंक जारी है। इस बीच एक विशेष अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भाषणों के प्रकाशन पर रोक लगा दी है। अगस्त महीने में देश में बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद शेख हसीना को अपदस्थ कर दिया गया था। पीएम पद से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने भारत में शरण ली थी। यह निर्णय हसीना द्वारा न्यूयॉर्क में अपनी आवामी लीग पार्टी के समर्थन को वर्चुअल संबोधन में अपना पहला सार्वजनिक भाषण देने के एक दिन बाद आया है
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