हल्द्वानी हिंसा मामले में मौलाना महमूद मदनी ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखा पत्र, कही ये बातें
हल्द्वानी हिंसा मामले को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में हाई कोर्ट में 14 फरवरी को सुनवाई होनी थी। यह स्थान मुस्लिम बहुल क्षेत्र में स्थित है और 1937 से मुस्लिम पक्ष द्वारा लीज पर लिया हुआ है।
हल्द्वानी में भड़की हिंसा को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि हल्द्वानी के थाना बनभूलपुरा क्षेत्र के अंतर्गत मलिक के बगीचे स्थित मस्जिद और मदरसे को गुरुवार को नगर निगम द्वारा बुलडोजर से ध्वज कर दिया गया, जबकि इस मामले में हाई कोर्ट में 14 फरवरी को सुनवाई होनी थी। यह स्थान मुस्लिम बहुल क्षेत्र में स्थित है और 1937 से मुस्लिम पक्ष द्वारा लीज पर लिया हुआ है।
मौलाना मदनी की गृह मंत्री से अपील
मौलाना महमूद असद मदनी ने आगे लिखा, "मस्जिद और मदरसे के ध्वस्तीकरण का क्षेत्र के लोगों द्वारा विरोध किया गया, जिस पर पुलिस की ओर से लाठी चार्ज किया गया। इससे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। उत्तराखंड राज्य में लगातार धार्मिक स्थलों को प्रशासन और अराजक तत्वों द्वारा ध्वस्त किया जा रहा है। ऐसे संवेदनशील मुद्दों को संबोधित करते समय स्थानीय समुदाय की भावनाओं पर विचार करना महत्वपूर्ण है। भारत जैसे बहुलवादी समाज में धार्मिक स्थलों का विध्वंस हमेशा गहरी संवेदनशीलता का विषय रहा है। मैं आपसे यह सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूं कि भविष्य में धार्मिक स्थलों के खिलाफ विध्वंस की कार्रवाई की घटनाओं में स्थानीय प्रशासन प्रभावित समुदाय से जुड़ने और उनका विश्वास हासिल करने के लिए सक्रिय कदम उठाए।"
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि उत्तराखंड के नैनीताल जिले के हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में गुरुवार को नगर निगम ने अवैध रूप से निर्मित मदरसा एवं मस्जिद को जेसीबी मशीन से ध्वस्त कर दिया। इससके बाद क्षेत्र में पैदा हिंसक स्थिति को देखते हुए कर्फ्यू लगा दिया गया और दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। पुलिस ने बताया कि घटना में 60 लोग घायल हुए हैं। घायलों में हल्द्वानी के एसडीएम (अनुमंडलाधिकारी) भी शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि शहर के बनभूलपुरा इलाके में हिंसा के बाद अस्पताल में भर्ती कराए गए लगभग 60 लोगों में से अधिकांश पुलिसकर्मी और नगरपालिका कर्मचारी हैं, जो एक स्थानीय मदरसे की विध्वंस कार्रवाई में शामिल थे। हिंसा बढ़ने पर हल्द्वानी की सभी दुकानें बंद कर दी गईं। कर्फ्यू लगने के बाद शहर और आसपास कक्षा 1-12 तक के सभी स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं।
इस बीच, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए राजधानी देहरादून में उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर हालात की समीक्षा की और अराजक तत्वों से सख्ती से निपटने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। प्राप्त जानकारी के अनुसार, बनभूलपुरा के इंदिरा नगर क्षेत्र में मलिक के बगीचे में बने अवैध मदरसे एवं मस्जिद को नगर निगम की टीम ने जेसीबी मशीन लगाकर ध्वस्त कर दिया। जानकारी के अनुसार, इस दौरान मौके पर नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय, सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, उप जिलाधिकारी परितोष वर्मा समेत वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। जैसे ही कार्रवाई शुरू हुई, बड़ी संख्या में महिलाओं सहित गुस्साए स्थानीय निवासी कार्रवाई का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर आए। उन्हें बैरिकेड तोड़ते और विध्वंस की कार्रवाई में लगे पुलिसकर्मियों के साथ बहस करते देखा गया।
हिंसा में 60 लोग घायल
अधिकारियों ने बताया कि जैसे ही एक बुलडोजर ने मदरसे और मस्जिद को ढहाया, भीड़ ने पुलिसकर्मियों, नगर निगम कर्मियों और पत्रकारों पर पथराव किया, जिसमें 60 से अधिक लोग घायल हो गए। अराजक तत्वों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और फिर हल्का बल प्रयोग किया। अधिकारियों ने बताया कि हालांकि, भीड़ द्वारा पुलिस गश्ती कार सहित कई वाहनों को आग लगाने से तनाव बढ़ गया। उन्होंने बताया कि देर शाम तक तनाव और बढ़ गया और बनभूलपुरा थाने में भी आग लगा दी गई, जिससे कस्बे में कर्फ्यू लगा दिया गया।