मणिपुर में थम नहीं रही हिंसा, 15 घर जलाए गए, गोली लगने से एक शख्स घायल
मणिपुर में हिंसा का दौर जारी है। उपद्रवियों ने 15 घरों को जला दिया। हिंसा की घटनाओं में अबतक 160 लोगों की मौत हो चुकी है।
इंफाल : मणिपुर के इंफाल वेस्ट जिले में शनिवार शाम को फिर से हिंसा भड़क उठी और इस दौरान 15 मकान जला दिए गए। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लांगोल गेम्स गांव में आक्रोशित भीड़ सड़कों पर उतर आई। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागे और स्थिति को काबू में किया। अधिकारियों के मुताबिक, हिंसा के दौरान 45 वर्षीय एक व्यक्ति को गोली मारी गई, जो उसके पैर में लगी। उसे ‘रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस’ (आरआईएमएस) में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
सुबह के वक्त की पाबंदियां जारी
अधिकारियों के अनुसार, रविवार को क्षेत्र में हालात में सुधार आए हैं, लेकिन सुबह के वक्त की पाबंदियां जारी हैं। उन्होंने बताया कि इंफाल ईस्ट जिले के चेकॉन इलाके में भी हिंसा की सूचना मिली है, जहां शनिवार को एक बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठान को आग के हवाले कर दिया गया। अधिकारियों के मुताबिक, प्रतिष्ठान के पास के तीन मकानों में भी आग लगा दी गई। दलकल कर्मियों ने आग पर काबू पाया। हिंसा की ये घटनाएं 27 विधानसभा क्षेत्रों की समन्वय समिति की ओर से आहूत 24 घंटे की आम हड़ताल के बीच सामने आई हैं।
हिंसा में अबतक 160 लोगों की मौत
हड़ताल से शनिवार को इंफाल घाटी में सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा था। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे अधिकतर पर्वतीय जिलों में रहते हैं।
सेना ने कई अभियान शुरू किए, एक उग्रवादी पकड़ा गया
सेना ने शनिवार को इंफाल घाटी में कई अभियान चलाए। इस दौरान मोंगचम इलाके में मुठभेड़ में एक उग्रवादी घायल हो गया। सेना की ‘स्पीयर कोर’ के एक प्रवक्ता ने कहा कि घायल उग्रवादी को पकड़ लिया गया और उसके पास से एक एसएलआर और गोला-बारूद बरामद हुआ है। प्रवक्ता ने कहा कि शुक्रवार रात बिष्णुपुर के क्वाक्टा में हुई घटना के बाद कई अभियान शुरू किए गए। तलाशी अभियान के दौरान, भारतीय सेना की टुकड़ी पर क्षेत्र मोंगचम से सशस्त्र विद्रोहियों ने गोलीबारी की।उन्होंने बताया कि सेना के जवानों ने जवाबी कार्रवाई की और मुठभेड़ शुरू हो गई।
प्रवक्ता के मुताबिक, केआईए समूह से संबंधित एक सशस्त्र उग्रवादी गोली लगने से घायल हो गया और उसे पकड़ लिया गया, जबकि अन्य भागने में सफल रहे। प्रवक्ता ने बताया कि केआईए ने सरकार के साथ कोई शांति समझौता नहीं किया है। पुलिस ने कहा कि मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में शुक्रवार रात उग्रवादियों ने पिता-पुत्र सहित तीन लोगों की हत्या कर दी, जबकि उसी जिले में राज्य बलों और हथियारबंद लोगों के बीच भारी गोलीबारी के बाद तीन अन्य लोग से घायल हो गए। (भाषा)