Manipur News: मणिपुर सरकार इन दिनों सोशल मीडिया पर राष्ट्र विरोधी एजेंडा चलाने वाले लोगों के खिलाफ सख्ती से पेश आ रही है। इसी कड़ी में उसने राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों के भी निर्देश दिया है कि वह ऐसे तमाम सोशल मीडिया ग्रुप्स से दूर रहें, जो राष्ट्र विरोधी या राज्य विरोधी कंटेंट देते हैं। खास बात यह है कि सभी अधिकारियों को इस तरह के ग्रुप 12 अगस्त की शाम 6 बजे से पहले छोडने होंगे, नहीं तो फिर उन सख्त कार्रवाई भी हो सकती है।
विशेष गृह सचिव ने जारी किया आदेश
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक यह आदेश विशेष गृह सचिव एच. ज्ञान प्रकाश ने जारी किया है। इस आदेश के मुताबिक, “कई सीनियर और अन्य अधिकारी अनजाने में या जानबूझकर अलगाववाद या राष्ट्रविरोधी ग्रुपों में फेसबुक या व्हाट्सएप के जरिए जुड़े हैं। ऐसे अधिकारी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। साथ ही इससे राज्य के कानून व्यवस्था पर बुरा प्रभाव भी पड़ता है। ऐसे अधिकारियों या कर्मचारियों को आदेश दिया जाता है कि वह 12 अगस्त तक ऐसे तमाम ग्रुप्स से अलग हो जाएं।”
इस आदेश में अधिकारियों को चेतावनी भी दी गई है कि जो अधिकारी इसे नहीं मानेंगे और राष्ट्रविरोधी ग्रुप्स नहीं छोड़ेंगे तो उनपर अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम 1968 और केंद्रीय सिविल सेवा नियम 1964 के तहत कार्रवाई की जाएगी। पत्र में लिखा गया है कि राज्य में कई ऐसे अधिकारी हैं जो उन ग्रुप्स में कई ऐसी जानकारी शेयर करते हैं जो उन्हें नहीं करनी चाहिए
हाल ही में हुआ था बवाल
हाल ही में मणिपुर के बिष्णुपुर में तीन से चार युवकों की ओर से एक वैन में आग लगाने की घटना के बाद राज्य में तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई थी। इसके बाद सरकार ने पूरे राज्य में पांच दिन के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी है। बताया जा रहा है कि वैन को फूंकने वाले युवक एक विशेष समुदाय के थे, जिसके बाद से पूरे राज्य में सांप्रदायिक स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ये फैसला लिया है। इंटरनेट सेवा सस्पेंड करने के साथ ही अगले दो महीने के लिए चुराचांदपुर और बिष्णुपुर जिलों में सीआरपीसी की धारा-144 लागू कर दी गई है।
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