Manipur News: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को अवैध प्रवासियों को आश्रय देने को राज्य के लिए 'सबसे बड़ा खतरा' बताया और घोषणा की कि ऐसे लोगों की पहचान के लिए जल्द ही 'घर-घर सर्वे' किया जाएगा। बांग्लादेश और म्यांमार से अवैध प्रवासियों की आमद पर गंभीर चिंता जताते हुए सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि उन स्थानीय लोगों के खिलाफ कदम उठाए जाएंगे जो ऐसे विदेशियों को किराए पर अपने घरों में रहने की अनुमति दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, "पिछले चार-पांच दिनों में इनर लाइन परमिट (आईएलपी) मानदंडों का उल्लंघन करने के आरोप में कुल मिलाकर 613 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।"
क्या है इनर लाइन परमिट?
आईएलपी सरकार द्वारा जारी एक आधिकारिक दस्तावेज है जो किसी व्यक्ति को एक सीमित अवधि के लिए यात्रा की अनुमति देता है। पूर्वोत्तर राज्य में आईएलपी 2021 में लागू हुआ। उन्होंने कहा कि अवैध अप्रवासियों की पहचान एक बड़ी समस्या बन गई है। मुख्यमंत्री ने कहा, "अवैध अप्रवासियों का पता लगाने के लिए घर-घर सर्वेक्षण किया जाएगा। जो भी मकान मालिक अवैध अप्रवासियों को अपने घर पर पनाह देगा, उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।"
बिना वैध दस्तावेज के मणिपुर आया बांग्लादेशी
मुख्यमंत्री ने बताया कि गिरफ्तार किए गए बांग्लादेशी व्यक्तियों में से एक 1990 में बिना किसी वैध दस्तावेज के मणिपुर में प्रवेश किया था। बाद में उसने एक स्थानीय मणिपुरी महिला से शादी कर ली। इसके बाद आधार कार्ड हासिल किया और राज्य में जमीन भी खरीद ली।
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