इंफाल: मणिपुर में पिछले कई महीनों से चली आ रही हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। राज्य और केंद्र सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी हिंसा थम नहीं रही है। आम लोगों के पास हथियारों के जखीरे हैं। इनसे हिंसक झडपें हो रही हैं और अब लगभग 200 लोगों की जान जा चुकी है। इस बीच अब मणिपुर सरकार ने अपील की है कि जिन लोगों के पास अवैध हथियार हैं वे 15 दिन के भीतर उन्हें जमा करा दें या फिर सुरक्षा बलों के व्यापक तलाशी अभियान का सामना करने के लिए तैयार रहें।
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से शुक्रवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि राज्य सरकार लोगों को (शुक्रवार से आने वाले 15 दिन तक अवैध हथियार जमा कराने का मौका दे रही है। इसमें यह भी कहा गया है कि इस अवधि के समाप्त होने के बाद केंद्र और राज्य के सुरक्षा बलों की ओर से सख्त तलाशी अभियान चलाया जाएगा और अवैध हथियार रखने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।’’
शांति स्थापित करने के लिए सरकार की लोगों से अपील
सरकारी बयान में कहा गया है, ‘‘अवैध हथियारों के इस्तेमाल से बदमाशों द्वारा जबरन वसूली, धमकी और अपहरण की खबरें आई हैं। यह गंभीर मामला है और सरकार राज्य के किसी भी हिस्से में ऐसे समूहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।’’ सरकार ने लोगों से शांति स्थापित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार का सहयोग करने की भी अपील की।
पिछले दिनों हुई सेना के जवान की हत्या
वहीं इससे पहले भारतीय सेना के एक जवान सिपाही 41 साल के सर्टो थांगथांग कोम का तीन अज्ञात बदमाशों ने अपहरण कर लिया और बाद में उनकी हत्या कर दी। उनका अपहरण तब किया गया था जब वे तरुंग, हैप्पी वैली, इम्फाल पश्चिम में अपने घर छुट्टी पर आए थे। उन्हें डीएससी प्लाटून, लीमाखोंग, मणिपुर में तैनात किया गया था। उनके परिवार में उनकी पत्नी और 2 बच्चे हैं। पीआरओ, कोहिमा और इंफाल, रक्षा मंत्रालय ने ये जानकारी दी। अधिकारियों ने रविवार को कहा कि मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले में कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने सेना के एक जवान का उसके घर से अपहरण कर लिया और उसकी हत्या कर दी।
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