Mann Ki Baat: 'स्पेस सेक्टर में रिफॉर्म्स से युवाओं को काफी फायदा', 'मन की बात' में बोले पीएम मोदी
Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम के 113 वें एपिसोड का आज प्रसारण हुआ। अपने संबोधन के शुरुआत में प्रधानमंत्री ने कहा कि स्पेस सेक्टर में सुधार से युवाओं को काफी फायदा हुआ है।
Mann Ki Baat:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात के 113वें एपिसोड का प्रसारण हो रहा है। इससे पहले पीएम मोदी ने 28 जुलाई को 112 वें मनी की बात एपिसोड को संबोधित किया था। उस समय उन्होंने पेरिस ओलंपिक, मैथ्म ओलंपियाड, वनो संरक्षण और स्वतंत्रता दिवस के बारे में बात की थी।
पीएम मोदी ने मन की बात की शुरुआत करते हुए कहा कि आज हम देश की उपलब्धियों की, देश के लोगों के सामूहिक प्रयासों पर बात करेंगे। 21वीं सदी के भारत में, कितना ही कुछ ऐसा हो रहा है, जो विकसित भारत की नींव मजबूत कर रहा है ।"
पीएम मोदी ने कहा,' 21वीं सदी के भारत में, कितना ही कुछ ऐसा हो रहा है, जो विकसित भारत की नींव मजबूत कर रहा है। जैसे, इस 23 अगस्त को ही हम सब देशवासियों ने पहला National Space Day मनाया। पिछले वर्ष इसी दिन चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी हिस्से में शिव-शक्ति Point पर सफलतापूर्वक landing की थी। भारत इस गौरवपूर्ण उपलब्धि को हासिल करने वाला दुनिया का पहला देश बना।'
स्पेस सेक्टर में सुधारों से काफी फायदा
पीएम मोदी ने कहा कि देश युवाओं को स्पेस सेक्टर में सुधारों से काफी फायदा हुआ है। इसलिए मैंने सोचा कि स्पेस सेक्टर से जुड़े युवा साथियों से बात की जाए। पीएम मोदी के साथ Spacetech Start-Up GalaxEye की टीम जुड़ी। पीएम मोदी ने इनसे स्पेस सेक्टर को लेकर बात की।
पीएम मोदी ने कहा, 'इस साल मैंने लाल किले से बिना Political background वाले एक लाख युवाओं को Political system से जोड़ने का आह्वाहन किया है। मेरी इस बात पर जबरदस्त प्रतिक्रिया हुई है। इससे पता चलता है कि कितनी बड़ी संख्या में हमारे युवा, राजनीति में आने के लिए तैयार बैठे हैं।'
हर घर तिरंगा अभियान
पीएम मोदी ने हर घर तिरंगा अभियान का जिक्र करते हुए कहा, 'हर घर तिरंगा और पूरा देश तिरंगा' इस बार ये अभियान अपनी पूरी ऊंचाई पर रहा। देश के कोने-कोने से इस अभियान से जुड़ी अद्भुत तस्वीरें सामने आई हैं। हमने घरों पर तिरंगा लहराते देखा - School, College, University में तिरंगा देखा। लोगों ने अपनी दुकानों, दफ्तरों में तिरंगा लगाया, लोगों ने अपने Desktop, Mobile और गाड़ियों में भी तिरंगा लगाया।'
असम के गांव और 'होलो बंदर' का जिक्र
असम में तिनसुकिया जिले के छोटे से गांव बारेकुरी में, मोरान समुदाय के लोग रहते हैं और इसी गांव में रहते हैं 'हूलॉक गिबन', जिन्हें यहां 'होलो बंदर' कहा जाता है। हूलॉक गिबन्स ने इस गांव में ही अपना बसेरा बना लिया है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस गांव के लोगों का हूलॉक गिबन के साथ बहुत गहरा संबंध है। गांव के लोग आज भी अपने पारंपरिक मूल्यों का पालन करते हैं। इसलिए उन्होंने वो सारे काम किए, जिससे गिबन्स के साथ उनके रिश्ते और मजबूत हों।
पशुओं के प्रति प्रेम
पशुओं के प्रति प्रेम में हमारे अरुणाचल प्रदेश के युवा साथी भी किसी से पीछे नहीं हैं। अरुणाचल में हमारे कुछ युवा-साथियों ने 3-D printing technology का उपयोग करना शुरू किया है - जानते हैं क्यों? क्योंकि वो, वन्य जीवों को सींगों और दांतों के लिए शिकार होने से बचाना चाहते हैं। नाबम बापू और लिखा नाना के नेतृत्व में ये टीम जानवरों के अलग-अलग हिस्सों की 3-D printing करती है।
झाबुआ में सफाई-कर्मियों ने किया कमाल
मध्य-प्रदेश के झाबुआ में कुछ ऐसा शानदार हो रहा है, जिसे आपको जरूर जानना चाहिए। वहां पर हमारे सफाई-कर्मी भाई-बहनों ने कमाल कर दिया है। इन भाई-बहनों ने हमें 'Waste to Wealth' का संदेश सच्चाई में बदलकर दिखाया है। इस टीम ने झाबुआ के एक पार्क में कचरे से अद्भुत Art Works तैयार किया है।
संस्कृत के प्रति लोगों का विशेष लगाव
पीएम ने कहा,'हमने 19 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मनाया। उसी दिन पूरी दुनिया में 'विश्व संस्कृत दिवस' भी मनाया गया। आज भी देश-विदेश में संस्कृत के प्रति लोगों का विशेष लगाव दिखता है। दुनिया के कई देशों में संस्कृत भाषा को लेकर तरह-तरह की research और प्रयोग हो रहे हैं।'
बच्चों के पोषण को लेकर जागरुकता
बच्चों का nutrition देश की प्राथमिकता है। वैसे तो उनके पोषण पर पूरे साल हमारा ध्यान रहता है, लेकिन एक महीना देश इस पर विशेष focus करता है । इसके लिए हर साल 1 सितम्बर से 30 सितम्बर के बीच पोषण माह मनाया जाता है। पोषण को लेकर लोगों को जागरूक बनाने के लिए पोषण मेला, एनीमिया (anemia) शिविर, नवजात शिशुओं के घर की visit, seminar, webinar जैसे कई तरीके अपनाए जाते हैं। कितनी ही जगहों पर आंगनवाड़ी के तहत mother and child committee की स्थापना भी की गई है। पिछले वर्ष पोषण अभियान को नई शिक्षा नीति से भी जोड़ा गया है। 'पोषण भी पढ़ाई भी' इस अभियान के द्वारा बच्चों के संतुलित विकास पर फोकस किया गया है। आपको भी अपने क्षेत्र में पोषण के प्रति जागरूकता वाले अभियान से जरूर जुड़ना चाहिए ।
आपको बता दें कि 'मन की बात' कार्यक्रम का प्रसारण 22 भाषाओं और 29 बोलियों के साथ-साथ 11 विदेशी भाषाओं में किया जाता है। इनमें तिब्बती, फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, बर्मी, बलूची, अरबी, फारसी, पश्तो, दारी, और स्वाहिली शामिल हैं।