कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी को ‘‘व्यामोहाभ पीड़िता’’ (एक ऐसी मानसिक स्थिति, जहां व्यक्ति को नुकसान पहुंचने का डर सताता रहता है) करार देते हुए भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि उन्होंने अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी के करीबियों को हाशिये पर डालने के लिए पार्टी के सभी पद भंग कर दिये क्योंकि उन्हें तृणमूल कांग्रेस में ''तख्तापलट'' का डर है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पश्चिम बंगाल मामलों के सह प्रभारी मालवीय का आरोप तब आया है जब एक दिन पहले ही तृणमूल सुप्रीमो ने पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों के पैनल को भंग कर दिया जिसमें राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी शामिल थे। ममता बनर्जी ने पुरानी एवं नयी पीढ़ी के नेताओं के बीच बढ़ते टकराव के बीच 20 सदस्यीय एक समिति बनायी है जिसमें वयोवृद्ध नेता अधिक संख्या में हैं।
भाजपा नेता के बयान पर तृणमूल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि उन्हें पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल में संगठनात्मक फेरबदल में दखल नहीं देना चाहिए। मालवीय ने ट्वीट किया, ‘‘ अभिषक बनर्जी द्वारा एक व्यक्ति, एक पद के मुद्दे पर इस्तीफे की धमकी देने के बाद व्यामोहाभ पीड़िता ममता बनर्जी ने अभिषेक के करीबियों को हाशिये पर डालते हुए पार्टी में सभी पद भंग कर दिये। अगला (कदम) क्या? सभी मंत्रियों को बर्खास्त कर दीजिए और अकेले सरकार चलाइए। तख्तापलट का डर हकीकत है।’’
बीस सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यसमिति में ममता बनर्जी ने अभिषेक जैसे युवा नेता को रखते हुए अपने पुराने भरोसेमंद नेताओं को उसमें जगह दी है। अभिषेक बनर्जी ने समर्थकों ने हाल में सरकार एवं संगठन में कई पद रखने को लेकर पुराने नेताओं की आलोचना की थी। अभिषेक बनर्जी नये नेताओं की खातिर ‘एक व्यक्ति, एक पद’ की वकालत करते आ रहे हैं। भाजपा नेता के ट्वीट पर तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें अपनी पार्टी की प्रदेश इकाई की बातों पर ध्यान देना चाहिए जहां जयप्रकाश मजूमदार और रितेश तिवारी जैसे ‘बागी’ उन्हें ‘ट्वीट मालवीय’ कहते हैं। मजूमदार और तिवारी को ‘पार्टी अनुशासन का उल्लंघन करने’ को लेकर पिछले महीने भाजपा ने निलंबित कर दिया।
Latest India News