कर्नाटक की एक अदालत आज बुधवार को मलाली मस्जिद विवाद में अपना फैसला दिया है। स्थानीय कोर्ट ने हिंदू संगठन की याचिका को स्वीकार कर लिया है। मस्जिद के रेनोवेशन के दौरान मंदिर का ढांचा मिलने से विवाद खड़ा हुआ था। हिंदू संगठनों ने उत्तर प्रदेश में ज्ञानवापी मस्जिद की तर्ज पर सर्वे करवाने की मांग की थी। मस्जिद कमिटी ने अपने जवाब में कहा था कि मलाली मस्जिद वक्फ की प्रॉपर्टी है और सिविल कोर्ट को इस विषय में दखल देने का अधिकार नहीं है।
मुस्लिम पक्ष के तर्क को मानने से इनकार
कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष के इस तर्क को मानने से इनकार कर दिया है और कहा कि आगे इस मामले की सुनवाई मंगलूरु सिविल कोर्ट के अधीन जारी रहेगी। इससे पहले कर्नाटक की स्थानीय अदालत ने दक्षिण कन्नड़ जिले में मलाली मस्जिद विवाद के संबंध में आदेश 9 नवंबर के लिए सुरक्षित रख लिया था।
कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया था
मंगलुरु में तीसरे अतिरिक्त सिविल कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखने के बाद निर्देश दिया था कि मस्जिद के परिसर में यथास्थिति बनाए रखी जाए। याचिकाकर्ताओं में से एक, विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने मलाली मस्जिद में सर्वे करने के लिए कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति की मांग की है। मलाली मस्जिद के प्रबंधन ने कहा था कि विहिप की याचिका को खारिज किया जाना चाहिए। इसने यह भी कहा था कि अदालत इस मामले को नहीं उठा सकती है। अदालत ने दलीलें और जवाबी दलीलें दर्ज की थीं। फैसला पहले 17 अक्टूबर को सुरक्षित रखा गया था, जिसे 9 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया। हिंदू संगठन और अल्पसंख्यक समुदाय फैसले का इंतजार कर रहे थे।
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