भारत और चीन की सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध को हल करने के लिए DBO और चुशूल में मेजर जनरल स्तर की वार्ता की। दोनों स्थानों पर भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व मेजर जनरल पीके मिश्रा और मेजर जनरल हरिहरन ने किया। रक्षा सूत्र के मुताबिक डेपसांग के मैदान भागों और सीएनएन जंक्शन पर मुद्दों को सुलझाने को लेकर इस बैठक में बातचीत की गई। बता दें कि इससे पहले 14 अगस्त को भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में कमांडर स्तर की 19वें दौर की वार्ता की गई थी।
कई राउंड्स की हो चुकी है बैठक
इस दौरान भी दोनों देशों को कमांडर स्तर के अधिकारी बैठक में शामिल हुए थे और सीमा विवाद पर चर्चा की गई। हालांकि इस बैठक का भी कोई हल नहीं निकला। इससे पहले 18 बार इस तरह की वार्ता हो चुकी है ताकि सीमा पर विवाद को सुलझाया जा सके। लेकिन अबतक इस बाबत कोई हल नहीं निकला है। बता दें कि 19वें राउंड की बैठक लद्दाख के चुशूल में आयोजित की गई थी। इस दौरान एलएसी पर तैनात सैनिकों की वापसी संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई।
क्यों है भारत-चीन सीमा पर विवाद
भारत और चीन के सैनिकों के बीच लद्दाख के गलवान में जून 2020 में बड़ी झड़प हुई थी। दोनों ही देशों के बीच इतने सालों बाद भी सीमा पर तनाव जारी है। भारत और चीन दोनों ने ही सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात कर रखा है। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर इसी गतिरोध और तनाव को दूर करने के लिए दोनों देशों के अधिकारी वार्ता करते रहते हैं। बता दें कि गलवान में झड़प के बाद से ही भारत-चीन को विवादित क्षेत्रों से सेना हटाने को कह रहा है लेकिन चीन शुरू से ही अपनी जिद पर अड़ा है। चीन चाहता है कि भारत दवाब में आकर समझौता कर ले। हालांकि, भारतीय अधिकारियों से साफ कर दिया है कि वह कोई भी समझौता केवल अपनी शर्तों पर ही करेंगे।
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