अमरावती: महाराष्ट्र के अमरावती दंगा मामले में कोर्ट ने BJP नेताओं समेत सभी 30 आरोपियों को बरी कर दिया है। कोर्ट ने 2 साल बाद इस मामले में फैसला सुनाया है। सांसद अनिल बोंडे, प्रवीण पोटे, शिवराय कुलकर्णी समेत कई बीजेपी नेता इस मामले में निर्दोष साबित हुए हैं।
क्या है पूरा मामला?
कथित त्रिपुरा घटना के विरोध में रजा अकादमी इस्लामिक फेडरेशन संगठन द्वारा अमरावती में एक मार्च का आयोजन किया गया था। मार्च में शामिल लोगों ने दुकानों में तोड़फोड़ की थी, जिसके विरोध में अगले दिन 13 नवंबर को बीजेपी और हिंदू संगठनों ने अमरावती में शहर की नाकाबंदी की।
उस समय राजकमल चौक पर अमरावती शहर के बीजेपी नेता विधायक प्रवीण पोटे, खासदार अनिल बोंडे, बीजेपी प्रवक्ता शिवराय कुलकर्णी, तुषार भारतीय मौजूद थे और भीड़ को जगदीश गुप्ता ने संबोधित किया। इसके बाद शहर में भारी मात्रा में आगजनी और पथराव हुआ।
बीजेपी का आंदोलन हिंसक हो गया, जिसे काबू में करने के लिए 6 बार लाठीचार्ज हुआ। बीजेपी नेताओं के खिलाफ गंभीर अपराध के मामले दर्ज किए गए, जबकि मामला जिला एवं सत्र न्यायालय में लंबित था। कोर्ट ने दो साल के अंदर मामले में फैसला सुनाया, जिसमें बीजेपी नेताओं समेत 30 लोग बरी हो गए। बीजेपी और हिंदुत्व कार्यकर्ताओं पर 143, 147, 148, 149, 269, 270, 188, 153, 153 (ए), 332, 336, 353, 427, 435, 135 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
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