पलवल: 31 जुलाई को हुई हिंसा के बाद नूंह-पलवल की सीमा पर हिंदुओं की महापंचायत शुरू हो गई है। इस महापंचायत में विश्व हिंदू परिषद के कई नेता हिस्सा ले रहे हैं। इस महापंचायत के लिए पुलिस प्रशासन ने भी जबरदस्त तैयारी की है। पहले यह महापंचायत नूंह में कराने का ऐलान किया गया था, लेकिन पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी। इसके बाद पलवल में सहमति बनी लेकिन प्रशासन ने कई शर्तों के साथ इस महापंचायत की इजाजत दी है।
जानकारी के अनुसार, यह महापंचायत नूंह-पलवल बॉर्डर पर पौंडरी गांव में हो रही है। इसमें आस-पास के इलाकों से लोग जुटे हैं। इस महापंचायत के बाद हिंदू समुदाय 31 जुलाई को नूंह में अधूरी रह गई यात्रा को 28 अगस्त को निकालने की तैयारी कर रहा है। हालांकि इस यात्रा के लिए अभी तक अनुमति नहीं मिली है। विश्व हिंदू परिषद इस अधूरी यात्रा को पूरी करने पर अड़ा हुआ है।
इस कार्यक्रम पर हमारी नजर बनी हुई- पुलिस
वहीं इस महापंचायत को लेकर पलवल के एसपी लोकेंद्र सिंह ने बताया कि इस कार्यक्रम पर हमारी नजर बनी हुई है। हमने शर्तों के साथ पंचायत की इजाजत दी है। अगर इस दौरान इसमें कोई भड़काऊ बात की जाएगी तो फ़ौरन मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि महापंचायत के दौरान किसी भी तरह के लाठी डंडे या हथियार की इजाजत नहीं दी गई है।
'हिंसा प्रशासन की नाकामी की वजह से हुई'
महापंचायत के दौरान एक वक्ता ने कहा कि 31 जुलाई की घटना प्रशासन का फेलियर है। पथराव, झगड़े और हिंसा की प्लानिंग पहले से ही थी, लेकिन क्या पुलिस को इसकी जानकारी नहीं थी? अगर जानकारी थी तो पहले कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? 31 जुलाई की हिंसा में कई लोगों की मौत और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। इसके लिए प्रशासन जिम्मेदार है। महापंचायत में कहा गया कि उस दिन खंडित हुई यात्रा को 28 अगस्त को पूरा किया जाए।
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