Ujjain Corridor: काशी विश्वनाथ की तर्ज पर उज्जैन के महाकाल मंदिर में एक भव्य कॉरिडोर बनकर तैयार हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को इसका उद्घाटन करेंगे। महाकाल कॉरिडोर काशी से 4 गुना बड़ा है। भारतीय जनता पार्टी के लिए ये कॉरीडोर काफी महत्वपूर्ण है। आपको बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पहली शाखा महाकाल मंदिर परिसर में लगाई गई थी। इसी महाकाल मंदिर से आरएसएस की शाखा का विस्तार पूरे भारत में हुआ। ऐसे में मध्य प्रदेश सरकार ने इस मंदिर को बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ी है।
मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से बताया गया कि "महाकाल मंदिर कॉरिडोर की छटा अद्भुत, अविस्मरणीय और अलौकिक है।बाबा महाकाल की कृपा हम सभी पर सदैव बनी रहे। यही कामना, यही प्रार्थना है। जय बाबा महाकाल। इस दिव्य और भव्य कॉरिडोर का लोकार्पण देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को करेंगे"
मुख्यमंत्री की महत्वकांक्षी योजानाओं में से एक
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान की ये महत्वकांक्षी योजना है। इस कॉरिडोर पर मुख्यमंत्री की नजर सीधे तौर पर थी। अब यह बनकर तैयार हो चुका है। इसको बनाने में लगभग 750 करोड़ रुपए लगे। आपको बता दें कि यह प्रोजेक्ट कमलनाथ सरकार से जुड़ी थी। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 300 करोड़ रुपए की मंजूरी दी थी। हालांकि 2019 में सरकार गिर जाने के बाद यह प्रोजेक्ट बीजेपी के हाथों में चली गई। जिसके बाद वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने 350 करोड़ रुपए को बढ़ाकर 750 करोड़ रुपए कर दिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से स्पष्ट रूप से कहा था कि इस कॉरिडोर में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं होनी चाहिए।
भगवाल भोलेनाथ के 190 रूप
इस कॉरिडोर के अंदर कई ऐसी चीजें हैं, जो काफी विशाल और भव्य है। कॉरीडोर में शिव तांडव स्त्रोत, शिव विवाह, महाकालेश्वर वाटिका, महाकालेश्वर मार्ग, शिव अवतार वाटिका और पार्किंग सुविधा है। इस कॉरिडोर के निर्माण में प्रदेश सरकार ने 422 करोड़ों पर खर्च किए तो वही केंद्र सरकार समेत मंदिर समिति ने कॉरीडोर के ऊपर 21 करोड़ खर्च किए। महाकाल मंदिर प्रवेश द्वार, दुकान एवं मूर्तियों का निर्माण 7 मार्च 2019 से ही आरंभ हो गया था।
इसे गुजरात की एक फॉर्म कंपनी से करवाया जा रहा था। प्रोजेक्ट को 2020 तक पूरा करना था लेकिन कई बार इसका समय बढ़ा दिया गया। ये कॉरीडोर काशी कॉरिडोर से भी बड़ा है। इस परिसर को घूमने में लगभग 5 से 6 घंटे का समय लग सकते हैं। इस कॉरिडोर के अंदर भगवान शिव के 190 अलग-अलग रूप के दर्शन होंगे। महादेव से जुड़ी हर चीज को दिखाने की कोशिश की गई है। सबसे बड़ी बात है कि हर घंटे में करीब एक लाख श्रद्धालु कॉरिडोर में प्रवेश कर सकेंगे।
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