मध्य प्रदेश: लाखों की भीड़ में घुटनों पर क्यों बैठे CM शिवराज सिंह चौहान? यहां देखें VIDEO
सीएम शिवराज ने भरे मंच पर ही महिलाओं के सामने घुटने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि मेरी बहनें इज्जत और मान-सम्मान से जिएंगी, तो मेरा मुख्यमंत्री बनना सफल हो जाएगा। बहनें मेरे लिए दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती हैं।
भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने जन्मदिन (5 मार्च) के मौके पर महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री लाडली योजना की शुरुआत कर दी। 2023 के चुनाव से पहले इसे गेम चेंजर के तौर पर देखा जा रहा है। इस योजना में कमजोर वंचित तबके की महिलाओं को हर महीने हजार रुपए दिए जाएंगे।
इस योजना के बारे में सीएम शिवराज ने भरे मंच पर ही महिलाओं के सामने घुटने पर बैठ कर कहा, 'बहनों तुम्हारी आंखों में कभी आंसू ना आएं, इसी अपील के साथ दोनों हाथ जोड़कर अपनी बहनों को प्रणाम करते हुए कहता हूं कि बहनें मेरे लिए दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती हैं। सबको प्रणाम, सबको नमस्कार और सबको साथ निभाने का वचन देता हूं। यह भैया आपको फिर कहता है, किसी को एक पैसा भी मत देना, कोई भी गड़बड़ करे, मुझे बता देना। एक लाडली बहना सेना भी बनाएंगे। गड़बड़ करने वालों को ठीक कर देंगे चिंता मत करना।'
25 मार्च से आवेदन शुरू
योजना का शुभारंभ करते हुए मंच से सीएम शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की, कि 25 मार्च से आवेदन शुरू होंगे। 30 अप्रैल तक आवेदन भरे जाएंगे। लेकिन जरूरत पड़ी तो यह तारीख भी आगे बढ़ा दी जाएगी। 23 से लेकर 60 साल तक की बहनों के फॉर्म इस योजना के तहत भरवाए जाएंगे।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के जंबूरी मैदान में लाखों की संख्या में प्रदेशभर से आई महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि 10 जून को 1000 की पहली किस्त बहनों के खातों में आ जाएगी।
लाडली बहन योजना क्यों बनाई?
सीएम लाडली बहना योजना के शुभारंभ के मौके पर शिवराज ने कहा कि हमारे देश की धरती पर मां, बहन और बेटी का हमेशा सम्मान रहा है। हम बेटियों और बहनों को दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती मानते हैं। अगर विष्णुजी का नाम लेना है तो लक्ष्मीनारायण कहते हैं, कृष्णजी का नाम लेना हो तो राधाकृष्ण कहते हैं और श्रीराम का नाम लेना हो तो कहते हैं सीताराम। लेकिन कालांतर में बेटियां भेदभाव का शिकार हो गईं। मैंने अपने परिवार और अपने गांव में देखा, बेटा पैदा हुआ तो ढोल बजते थे, गीत गाया करते थे, लड्डू बांटे जाते थे।अगर बेटी आ जाए, तो मुंह उतर जाता था! पढ़ेगा कौन, भैया पढ़ेगा और बेटी क्या करेगी? यह देखकर मेरे मन में पीड़ा होती थी।
सीएम शिवराज ने कहा कि मैं जब छोटा था, तब मेरी आवाज कोई नहीं सुनता था। मैं भाषण देता था कि बेटी है तो कल है, बेटी को आने दो! एक बूढ़ी मां ने कहा कि अगर बेटी आ गई, तो उसकी पढ़ाई और शादी का खर्च तू उठाएगा? तब मैंने सोचा कि केवल भाषण से काम नहीं चलेगा, इसलिए जब विधायक-सांसद बना, तो अपने भत्ते से बेटियों की शादी करवाने लगा। जैसे ही आपके आशीर्वाद से मैं मुख्यमंत्री बना, तो मैंने सबसे पहले कन्या विवाह योजना बनाई। मैंने तय कर दिया कि गरीब बेटियों की शादी भाजपा सरकार करवाएगी!
कमलनाथ पर भी बोला हमला
इस दौरान सीएम शिवराज ने कमलनाथ को भी घेरा। उन्होंने कहा कि हमने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना बनाई लेकिन ये अलग बात है कि जब कमलनाथ की सरकार आ गई, तो ये योजना बंद कर दी गई और शादी करवाने के बाद भी पैसा नहीं दिया। हमने लगातार योजनाएं बनाईं लेकिन कमलनाथ ने सभी योजनाओं को बंद कर दिया। जब कमलनाथ आए तो उन्होंने बैगा, भारिया और सहरिया बहनों को आहार अनुदान राशि देना बंद कर दिया था।
कैसे बनी लाडली लक्ष्मी योजना?
शिवराज ने मंच से बताया कि मुझे लगा कि केवल कन्या विवाह से काम नहीं चलेगा। बेटी को बोझ नहीं, वरदान बनाना है। इसके लिए तय किया कि बेटी लखपति पैदा होगी। इसलिए बनी लाडली लक्ष्मी योजना। इसमें तय किया कि बेटी के पैदा होने पर उसके खाते में 30,000 रुपए डालेंगे, 21 साल की होने पर 1 लाख 18 हजार रुपए मिल जाएंगे। आज 44 लाख से ज्यादा लाडली लक्ष्मी मध्यप्रदेश में हैं।
उन्होंने कहा कि हमनें इसके बाद तय किया कि स्कूल जाने के लिए किताबें, यूनिफॉर्म और साइकिल की व्यवस्था भी बेटियों के लिए की जाएगी। हमने गरीब गर्भवती मजदूर बहन को 16,000 रुपए देने की योजना बनाई।
लाडली बहन योजना का प्लान कैसे बना?
सीएम शिवराज ने बताया कि मैंने सोचा कि सगा भैया साल में एक बार रक्षाबंधन पर आता है और बहनों को उपहार देता है। मेरे मन में आया कि तू भी तो कुछ दे। मैंने ये भी सोचा कि साल में एक बार नहीं, सालभर कुछ दूंगा। इसी विचार से मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना बनी।
उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार ने तय किया कि जितनी भी गरीब और निम्न मध्यमवर्गीय बहनें हैं, जिनके परिवार की आमदनी ढाई लाख रुपए प्रतिवर्ष से कम है, या जिनके पास 5 एकड़ से कम जमीन है, तो और कोई शर्त नहीं है, ऐसी सभी बहनों को हर महीने 1,000 रुपए भेजूंगा।
उन्होंने कहा कि महिलाओं को साल में 12,000 रुपए मिलेंगे। दो बहुएं हुईं तो 24,000 रुपए, घर में सास हुई तो उनकी पेंशन को 1,000 रुपए कर दूंगा, अगर पति किसान हैं तो उनको किसान सम्मान निधि के 10,000 रुपए मिलेंगे। इससे साल में एक परिवार को 56,000 रुपए की मदद मिल जाएगी।
उन्होंने कहा कि इससे मेरी बहनों की इज्जत भी बढ़ेगी और सास-बहू का प्रेम भी बढ़ जाएगा। बहनें इन पैसों का सदुपयोग करेंगी और जरूरत पड़ने पर अपने पति को भी पैसे दे देंगी। ये बहनों की जिंदगी बदलने का महाअभियान है।
इस योजना की पात्रता क्या है?
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मंच के जरिए महिलाओं को समझाने की कोशिश की, कि इस योजना में कैसे शामिल हुआ जा सकता है। उन्होंने बताया कि मेरी बहनों, आपको कोई भी प्रमाणपत्र बनवाने की जरूरत नहीं है। केवल लिख देना, तुम्हारा भैया मान लेगा।
उन्होंने कहा कि शहर में तुम्हारे वॉर्ड में शिविर लगेगा। गांव में भी शिविर लगाऊंगा। किसी दलाल के चक्कर में मत आना। कोई भी दलाली करे, तो 181 नंबर पर फोन कर देना, हथकड़ी लगवाकर जेल भिजवा दूंगा।
उन्होंने कहा कि एक ही दिन में फॉर्म नहीं भरवाना। हम अपने कर्मचारियों और भाजपा कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग देंगे। एक दिन में 30 आवेदन भरे जाएंगे। जब तक आवेदन पूरे नहीं भरे जाएंगे, तब तक शिविर लगे रहेंगे। आपको आपके मोहल्ले में सूचना दी जाएगी। परेशान होने की जरूरत नहीं है।
बेटियों के साथ दुराचार करने वालों को फांसी पर लटका दूंगा: शिवराज
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोई मासूम बेटियों के साथ दुराचार करेगा तो फांसी पर लटका दूंगा। बीते दिनों शिवराज सिंह चौहान ने शराब दुकानों के बाहर मौजूदा आहातों को बैन करने का निर्णय लिया था। इसके बारे में बताते हुए उन्होंने कहा मैंने सारी शराब दुकानों के अहाते बंद करने का निर्णय लिया है। अगर कोई मासूम बेटी के साथ दुराचार करेगा, तो उसे फांसी पर लटका दूंगा। उन्होंने कहा कि मेरी बहनें इज्जत और मान-सम्मान से जिएंगी, तो मेरा मुख्यमंत्री बनना सफल हो जाएगा। बहनें मेरे लिए दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती हैं।
ये भी पढ़ें-