Look Out Notice On Manish Sisodia: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को दावा किया है कि CBI ने उनके खिलाफ ‘लुकआउट नोटिस’ जारी किया है। सिसोदिया ने इस कदम को एक ‘नौटंकी’ करार देते हुए कहा कि जांच एजेंसी को उनके आवास पर छापे के दौरान ‘कुछ भी नहीं’ मिला। सिसोदिया ने कहा कि वह दिल्ली में ‘खुलेआम घूम रहे हैं’ और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि क्या वह उन्हें ढूंढ़ नहीं पा रहे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों को हल करने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करने के बजाय ‘पूरे देश से लड़ रहे है।’
मामले पर सिसोदिया ने ट्विट किया
CBI ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं के संबंध में सिसोदिया के आवास सहित 31 जगहों पर छापेमारी की थी। सिसोदिया ने ट्वीट किया, ‘‘आपकी सारी छापेमारी असफल हो गई। कुछ नहीं मिला। एक पैसे की हेरा-फेरी नहीं मिली। अब आपने ‘लुकआउट नोटिस’ जारी किया है कि मनीष सिसोदिया मिल नहीं रहा। यह क्या नौटंकी है मोदी जी? मैं दिल्ली में खुलेआम घूम रहा हूं। बताइए कहां आना है? क्या आपको मैं मिल नहीं रहा?’’ सिसोदिया आबकारी नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के संबंध में CBI द्वारा दर्ज प्राथमिकी में आरोपी के रूप में नामजद 13 लोगों में शामिल हैं। केंद्रीय एजेंसी ने प्राथमिकी में दो कंपनियों का भी नाम शामिल किया है।
हर सुबह केंद्र सरकार ‘सीबीआई-ईडी’ का खेल शुरू कर देती है -केजरीवाल
वहीं, केजरीवाल ने कहा कि हर सुबह केंद्र सरकार ‘सीबीआई-ईडी’ का खेल शुरू कर देती है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ऐसे समय जब आम आदमी महंगाई से जूझ रहा है, करोड़ों की संख्या में युवा बेरोजगार हैं, केंद्र सरकार को सभी राज्य सरकारों के साथ मिलकर बेरोजगारी और महंगाई से लड़ना चाहिए। उसकी बजाय ये पूरे देश से लड़ रहे हैं। रोज सुबह उठकर सीबीआई-ईडी का खेल शुरू कर देते हैं। ऐसे देश कैसे तरक्की करेगा?’’
राज्यपाल के सिफारिश के बाद दिल्ली सरकार ने वापस ले ली थी आबकारी नीति
उल्लेखनीय है कि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने 17 नवंबर, 2021 से लागू आबकारी नीति के कार्यान्वयन में कथित प्रक्रियात्मक चूक और नियमों के उल्लंघन की जांच की पिछले महीने सिफारिश की थी, जिसके बाद सीबीआई ने सिसोदिया के आवास सहित अन्य ठिकानों पर छापे मारे थे। सक्सेना द्वारा जांच की सिफारिश करने के बाद दिल्ली सरकार ने जुलाई में यह नीति वापस ले ली थी।
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