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Hindi News भारत राष्ट्रीय चुनाव Flashback: ..जब संजय गांधी की इस नीति की वजह से हुई थी कांग्रेस की करारी हार, युवा हो गए थे पार्टी से दूर

चुनाव Flashback: ..जब संजय गांधी की इस नीति की वजह से हुई थी कांग्रेस की करारी हार, युवा हो गए थे पार्टी से दूर

लखनऊ में युवक कांग्रेस की रैली में संजय गांधी ने कहा था कि 37 वर्ष से कम आयु वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए युवक कांग्रेस के दरवाजे खुले हुए हैं। इसके लिए सिर्फ एक शर्त है कि उन्हें प्रत्येक महीने दो लोगों की नसबंदी करानी पड़ेगी।

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नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव के कई ऐसे किस्से हैं जिसे बहुत कम लोग ही जानते होंगे। चुनाव में नारा और सरकार की नातियों का मतदाताओं पर काफी असर पड़ता है। ऐसा ही कुछ हुआ था साल 1977 में। 70 के दशक में जब कांग्रेस की केंद्र में सरकार थी और देश के लगभग सभी राज्यों में तूती बोलती थी तब उसे संजय गांधी की नसबंदी नीति की भारी कीमत चुकानी पड़ी। 

संजय गांधी ने रख दी थी नसबंदी कराने की शर्त

अमर उजाला के 29 मार्च 1976 को प्रकाशित खबर के मुताबिक, लखनऊ में युवक कांग्रेस की रैली में संजय गांधी ने कहा था कि 37 वर्ष से कम आयु वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए युवक कांग्रेस के दरवाजे खुले हुए हैं। इसके लिए सिर्फ एक शर्त है कि उन्हें प्रत्येक महीने दो लोगों की नसबंदी करानी पड़ेगी। संजय गांधी की यह शर्त कांग्रेस को भारी पड़ी और जनता में गलत संदेश गया। इसकी वजह से युवा भी पार्टी से दूर होते गए।

जनता में गया गलत संदेश

संजय गांधी के इस बयान से जनता में रोष फैल गया। जनता को लगने लगा कि अगर कांग्रेस फिर से सरकार में आएगी तो लोगों की जबरदस्ती नसबंदी करा दी जाएगी। इसका यह यह हुआ कि जब साल 1977 में लोकसभा के चुनाव हुए तो कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा।

संजय गांधी ने जनसंघ पर लगाया था फासीवादी होने का आरोप

अखबार के अनुसार, संजय गांधी ने जनसंघ (आज की भाजपा) और अन्य विपक्षी दलों पर फासीवादी होने का आरोप लगाया। रैली में संजय गांधी के साथ मौजूद यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता एनडी तिवारी ने संजय गांधी और केंद्र सरकार की नीतियों की जमकर तारीफ की थी। तिवारी की तारीफ सुनकर संजय गांधी खुश तो हुए लेकिन जनता में गलता संदेश गया और युवा नाराज हो गए।

 

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