नई दिल्ली: केंद्रीय चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनावों के कार्यक्रम का ऐलान कर दिया है। अब मई तक देश में चुनावी माहौल रहेगा। अगली सरकार बनाने के लिए सभी राजनीतिक दल चुनावी मैदान में टक्कर लेंगे। इस बार 97 करोड़ से ज्यादा मतदाता मतदान में हिस्सा लेंगे। चुनावी कार्यकर्म के ऐलान के साथ ही देशभर में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। अब देश में सरकारें तो होंगी, लेकिन वह सभी दिशानिर्देश चुनाव आयोग से लेंगी। अब देशभर में चुनाव कराने के लिए अर्धसैनिक बल और पुलिस बल की तैनाती कर दी जाएगी। चुनाव सात चरणों में होंगे और उसी हिसाब से चुनाव आयोग सुरक्षाबलों की तैनाती का प्लान बनाया है।
'चुनाव बिना किसी हिंसा के शांतिपूर्ण तरीके संपन्न कराएंगे'
चुनाव कार्यक्रमों का ऐलान करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि इलेक्शन कमीशन का प्रयास है कि चुनाव बिना किसी हिंसा के शांतिपूर्ण तरीके संपन्न कराए जाएं। पिछले वर्षों में हमने यह करके भी दिखाया है। अभी हाल ही में पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव हुए। यह चुनाव हमने शांतिपूर्ण संपन्न कराए। अब इस बार भी हमारी कोशिश रहेगी कि यह चुनाव भी बिना किसी हिंसा और लड़ाई-झगड़े के कराए जाएं। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि चुनाव के लिए 2100 से अधिक सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षकों को तैनात किया जा रहा है। वे आयोग की आंखें और कान हैं जो प्रलोभन और भय से मुक्त चुनाव कराने और सभी के लिए समान अवसर प्रदान करने की निगरानी करेंगे।
जिलों में 24 घंटे कंट्रोल रूम सक्रिय रहेगा
चुनाव आयोग ने बताया कि मतदान से पहले राज्यों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती कर दी जाएगी। इसके साथ ही सभी जिलों में 24 घंटे कंट्रोल रूम सक्रिय रहेगा। वहीं जो बूथ संवेदनशील हैं, वहां वेब कास्टिंग भी की जाएगी। इसके साथ ही अब स्थानीय पुलिस अपने इलाकों में हथियारों को थानों में जमा कराएगी। पुराने हिस्ट्रीशीटरों पर कड़ी नजर रखी जाएगी। अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय सीमाओं पर चौकसी बढ़ा दी जाएगी। इसके साथ ही बॉर्डर इलाकों में ड्रोन से निगरानी रखी जाएगी।
सुरक्षा को लेकर बिलकुल भी कोताही नहीं बरती जाएगी- आयोग
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि मतदान के चरणों के अनुसार ही फ़ोर्स की तैनाती की जाएगी। हालांकि सुरक्षा व्यवस्था पूरे देश में ही कड़ी रहेगी लेकिन चुनाव वाले जिलों में आयोग का अतिरिक्त ध्यान रहेगा। चरणों के अनुसार ही फ़ोर्स को आगे बढ़ाया जायेगा। उन्होंने कहा कि सुरक्षा को लेकर बिलकुल भी कोताही नहीं बरती जाएगी और इस बाबत जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देश भी दे दिए गए हैं।
बता दें कि आम चुनावों के दौरान इलेक्शन कमीशन गृह मंत्रालय को अर्धसैनिक बलों के जवानों की संख्या भेजता है। आयोग की सलाह पर गृह मंत्रालय अपने जवानों को चुनावी क्षेत्र में तैनात करता है। इन अर्धसैनिक बलों में बीएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, स्थानीय पुलिस बल और होमगॉर्डस की तैनाती की जाती है।
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