श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में गुरुवार तड़के सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर युसूफ कांतरू सहित 3 आतंकवादी मारे गए। पुलिस के एक अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि घाटी में सबसे ज्यादा समय तक जीवित रहने वाला आतंकवादी कांतरू सुरक्षा बल के कई कर्मियों और असैन्य नागरिकों की हत्या में लिप्त रहा था और वह कश्मीर घाटी के 10 मोस्ट वॉन्टेंड आतंकवादियों में से था।
‘कांतरू का मारा जाना बड़ी सफलता’
पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि कांतरू का मारा जाना सुरक्षा बलों के लिए बड़ी सफलता है। उन्होंने बताया कि उत्तरी कश्मीर में बारामूला के मालवाह इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर वहां तलाशी अभियान शुरू किया था। प्रवक्ता ने बताया कि आतंकवादियों के सुरक्षाबलों पर गोलीबारी करने के बाद अभियान मुठभेड़ में तब्दील हो गया। सुरक्षाबलों ने भी आतंकवादियों की गोलीबारी का माकूल जवाब दिया।
‘सभी आतंकवादियों के शव बरामद’
प्रवक्ता ने बताया कि मुठभेड़ में एक अधिकारी और एक पुलिसकर्मी सहित सुरक्षाबल के 4 कर्मी घायल हो गए। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में लश्कर के कमांडर कांतरू सहित प्रतिबंधित संगठन के 3 सदस्य मारे गए। उन्होंने बताया कि सभी आतंकवादियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। अधिकारी ने बताया, ‘कांतरू पहले हिज्बुल मुजाहिदीन में सक्रिय सदस्य के रूप में शामिल हुआ और उसे 2005 में गिरफ्तार किया गया।’
‘2008 में छोड़ा गया था कांतरू’
पुलिस के प्रवक्ता ने बताया, ‘उसे 2008 में छोड़ा गया लेकिन वह फिर से 2017 में आतंकवादियों से जुड़ गया और निर्दोष असैन्य नागरिकों, पुलिसकर्मियों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या करने लगा। बाद में वह हिज्बुल से लश्कर में शामिल हो गया।’ उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए अन्य आतंकवादियों की पहचान सुनिश्चित की जा रही है। प्रवक्ता ने बताया कि घायल पुलिसकर्मियों को श्रीनगर में स्थित सेना के बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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