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Hindi News भारत राष्ट्रीय लैंड फॉर जॉब घोटाले में लालू परिवार के 'सहयोगी' को ईडी ने किया गिरफ्तार

लैंड फॉर जॉब घोटाले में लालू परिवार के 'सहयोगी' को ईडी ने किया गिरफ्तार

जमीन के बदले नौकरी घोटाले में लालू प्रसाद और तेजस्वी के एक करीबी सहयोगी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किया गया अमित कात्याल इस मामले में एक लाभार्थी कंपनी का पूर्व निदेशक रह चुका है और दो महीने से ईडी के समन को नजरअंदाज कर रहा था।

Land-for-job scam- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO राजद के प्रमुख लालू यादव और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव

नई दिल्ली: लैंड फॉर जॉब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लालू प्रसाद और तेजस्वी के सहयोगी को गिरफ्तार किया है। जानकारी मिली है कि नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले की धन शोधन जांच के सिलसिले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद और उनके बेटे तेजस्वी यादव के सहयोगी बताए जा रहे अमित कात्याल को गिरफ्तार किया है। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने कात्याल को शुक्रवार को हिरासत में लिया और फिर पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। 

दो महीने से ईडी के समन की कर रहा था अनदेखी

सूत्रों ने कहा कि कात्याल को स्थानीय अदालत में पेश किए जाने की संभावना है, जहां ईडी पूछताछ के लिए उसकी हिरासत की मांग करेगी। सूत्रों के मुताबिक, कात्याल करीब दो महीने से ईडी के समन की अनदेखी कर रहा था। दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में इस मामले में उसके खिलाफ जारी ईडी के समन को रद्द करने की याचिका खारिज कर दी थी। ईडी ने इस साल मार्च में जब लालू, तेजस्वी, उनकी बहनों और अन्य के परिसरों पर छापे मारे थे, तब कात्याल से जुड़े ठिकानों की भी तलाशी ली गई थी। 

घोटाले में लाभार्थी कंपनी का रहा पूर्व निदेशक

जांच एजेंसी के अनुसार, कात्याल राजद सुप्रीमो का "करीबी सहयोगी" होने के साथ-साथ ‘ए के इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड’ का पूर्व निदेशक भी है। एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड इस मामले में कथित तौर पर एक "लाभार्थी कंपनी" है और इसका पंजीकृत पता दक्षिणी दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित एक आवासीय इमारत है, जिसका इस्तेमाल तेजस्वी यादव कर रहे थे। 

क्या है लैंड फॉर जॉब घोटाला

बता दें कि कथित घोटाला उस समय का है, जब लालू केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की पहली सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि 2004 से 2009 तक भारतीय रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में समूह ‘डी’ पदों पर कई लोगों को नियुक्त किया गया था और बदले में इन लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री लालू के परिवार के सदस्यों और एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित कर दी थी। धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज किया गया ईडी का यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एक शिकायत पर आधारित है। 

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