मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के संबंध में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा मस्जिद का निरीक्षण या सर्वे करने के लिए कमिश्नर नियुक्त करने के आदेश पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने कई और निर्देश भी जारी किए हैं।
इस मामले में मिली अनुमति
सुप्रीम कोर्ट ने शाही ईदगाह के सर्वेक्षण पर उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ मस्जिद समिति की याचिका पर हिंदू संगठन ‘भगवान श्रीकृष्ण विराजमान’ और अन्य से जवाब मांगा है। साथ ही कोर्ट ने मथुरा में शाही मस्जिद ईदगाह को स्थानांतरित करने को लेकर विवाद से जुड़े मामलों की इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सुनवाई जारी रखने की अनुमति दी।
मुकदमे पर रोक नहीं लगी
भगवान श्री कृष्ण लल्ला विराजमान का प्रतिनिधित्व करने वाली वकील रीना एन सिंह ने बताया कि आज अदालत ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय मामले के सर्वेक्षण आदेश के बारे में सुनवाई की, जिसे मुस्लिम पक्ष द्वारा चुनौती दी गई थी। इंतेजामिया कमेटी ने आदेश को चुनौती दी थी और आज सुप्रीम कोर्ट ने केवल सर्वेक्षण आदेश पर रोक लगाई है। लेकिन कोर्ट ने मुकदमे पर रोक नहीं लगाई है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में मुकदमा जारी रहेगा, सुनवाई की अगली तारीख 23 जनवरी को है।
क्या है पूरा मामला?
हिंदू पक्ष के याचिकाकर्ताओं का दावा है कि शाही ईदगाह मस्जिद भगवान कृष्ण की जन्मभूमि पर बनी है। उनका कहना है कि मस्जिद में तमाम हिंदू प्रतीक है जिसमें साफ दिखता है कि मस्जिद एक हिंदू धार्मिक स्थान पर बनाया गया है। इसलिए तथ्यों को जुटाने की जरूरत है। बीते साल12 दिसंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सर्वे कराने की मांग को स्वीकार कर लिया था और इसके लिए के लिए कमिश्नर की नियुक्ति का आदेश दिया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने अब इस फैसले पर रोक लगा दी है।
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