सुप्रीम कोर्ट ने आज कोलकाता रेप-मर्डर केस मामले पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने डॉक्टरों के हड़ताल वापस लेने का आग्रह किया। साथ ही सरकार को भी डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि कानून अपना काम कर रहा है, हम डॉक्टरों के कल्याण और सुरक्षा के बारे में भी चिंतित हैं। इसके बाद सीजेआई ने कहा हम ऐसे दिशानिर्देश नहीं देंगे, हम प्रोटोकॉल लागू करेंगे।
मंत्रालय को दिए गए निर्देश
CJI ने कहा कि डिस्ट्रेस कॉल सिस्टम और ड्यूटी के घंटे तय होना बहुत जरूरी है। हेल्थ मंत्रालय एक पोर्टल बनाए, जहां पर विभिन्न हिस्सेदार अपनी राय दे सकें। साथ ही कहा कि शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करने वाले चिकित्सक काम पर लौटें तो उनके खिलाफ कोई कदम ना उठाया जाए। एनटीएफ को हमारे सामने उपस्थित सभी डॉक्टरों, एसोसिएशनों के अनुरोधों पर विचार करने दें। बता दें कि कोर्ट ने अपने पिछले आदेश में नेशनल टास्क फोर्स गठित की थी। यह टास्क फोर्स विभिन्न पक्षों से राय-मशविरा करेगी, जिसमें डॉक्टर संघ के प्रतिनिधियों की राय महत्वपूर्ण होगी।
'न्याय और चिकित्सा को रोका नहीं जा सकता'
CJI ने कहा कि न्याय और चिकित्सा को रोका नहीं जा सकता। डॉक्टर काम पर वापस जाने के लिए तैयार हैं, हालांकि, यह बताया गया है कि राज्य सरकारें डॉक्टरों के लिए कुछ सुरक्षा उपाय कर सकती हैं। इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम भारत केन्द्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव को मंत्रालय की वेबसाइट पर एक पोर्टल खोलने का निर्देश देते हैं, जहां सभी स्टेकहोल्डर्स से सुझाव लिए जा सकें।
1 हफ्ते का दिया टाइम
आगे कहा गया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राज्य के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ मिलकर सुरक्षा सुनिश्चित करें। यह काम 1 सप्ताह में पूरा हो जाना चाहिए, वहीं, राज्य 2 सप्ताह की अवधि के भीतर उचित कार्रवाई करेंगे। इसके बाद कोर्ट ने कोलकता रेप और हत्या मामले की सुनवाई को अगली तारीख दी। कोर्ट इसे मामले की अगली सुनवाई 5 सितंबर को करेगी।
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