नई दिल्ली: कोलकाता रेप-हत्या केस में सुप्रीम कोर्ट का एक और लिखित आदेश सामने आया है। इस आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के डॉक्टरों से ये अपील की है कि वो काम पर लौट आएं। सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल प्रोफेशन में काम करने वालों को आश्वस्त किया है कि कोर्ट उनकी चिंताओं पर विचार कर रहा है। उनकी सुरक्षा राष्ट्रीय प्राथमिकता का विषय है।
डॉक्टरों और इंटर्न के लिए सुरक्षित माहौल बनाना जरूरी
सुप्रीम कोर्ट को बताया गया है कि आर जी कर मेडिकल कॉलेज में 700 रेजिडेंट डॉक्टर हैं लेकिन 14 और 15 अगस्त की बीच की रात को अस्पताल पर हुई हमले की घटना के बाद से ज्यादातर रेजिडेंट डॉक्टर काम छोड़कर चले गए हैं। इसके चलते अभी हॉस्पिटल में महज 30 से 40 महिला डॉक्टर और 60 से 70 पुरुष डॉक्टर ही बचे हैं।
हॉस्पिटल में डॉक्टरों और इंटर्न के लिए सुरक्षित माहौल बनाना जरूरी है ताकि रेजिडेंट डॉक्टर काम पर लौट सकें, ताकि वो न केवल पढ़ाई में योगदान दे सकें, बल्कि मरीजों का इलाज संभव हो सके। SG तुषार मेहता ने कोर्ट को आश्वस्त किया है कि आर जी कर अस्पताल में CISF/CRPF की तैनाती की जाएगी। पश्चिम बंगाल सरकार ने इस पर ऐतराज जाहिर नहीं किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने उम्मीद जताई है कि केंद्रीय सुरक्षा बलों की हॉस्पिटल में तैनाती से डॉक्टर जल्द से जल्द ड्यूटी पर लौटेंगे। अगर डॉक्टरों को सुरक्षा को लेकर कोई आशंका है तो वो ज्यूडिशियल रजिस्ट्रार को ईमेल भेजकर सुप्रीम कोर्ट को अपनी चिंताओं से अवगत करा सकते हैं।
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